सीरिया में लंबे सशस्त्र संघर्ष के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के पतन पर संयुक्त राष्ट्र ने खुशी जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तानाशाही शासन के अंत का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “14 साल के क्रूर युद्ध और तानाशाही शासन के अंत के बाद सीरियाई लोगों के पास एक स्थिर और शांतिपूर्ण भविष्य बनाने का ऐतिहासिक अवसर है।”अरबी न्यूज वेबसाइट ‘+963’ ने सीरिया के बदले घटनाक्रम पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को तरजीह दी है। वेबसाइट के अनुसार, अल-कायदा समर्थित आतंकवादी समूह हयात ताहरिर अल-शाम और तीन विपक्षी गुटों ने रविवार भोर राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण कर राष्ट्रपति को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
सीरियाई लोगों के साथ खड़ा है सऊदी अरब
सऊदी अरब सीरिया के नागरिकों की पसंद के साथ सऊदी अरब ने सीरियाई लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। उसने जोर देकर कहा कि वह इस महत्वपूर्ण अवसर पर सीरियाई लोगों और उनकी पसंद के साथ खड़ा है। सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किए बिना उसके साथ खड़े होने का आह्वान किया।
बेल्जियम ने कहा-सीरिया में अच्छा हुआ
बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में अच्छा हुआ कि असद के अंसवैधानिक शासन का अंत हो गया। सीरिया के भविष्य के लिए एक शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया का होना महत्वपूर्ण है। मंत्रालय ने आग्रह किया कि सीरिया के लोगों के साथ न्याय हो।
एंटोनियो गुटेरेस ने सीरिया में तानाशाही शासन के अंत का स्वागत किया
गुटेरेस ने कहा- यह ऐतिहासिक अवसर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सीरिया में तानाशाही शासन के अंत का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 14 साल के क्रूर युद्ध और तानाशाही शासन के अंत के बाद सीरियाई लोगों के पास एक स्थिर और शांतिपूर्ण भविष्य बनाने का ऐतिहासिक अवसर है।
यूरोपीय आयोग ने सीरिया के घटनाक्रम को ऐतिहासिक परिवर्तन बताया
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सीरिया के घटनाक्रम को ऐतिहासिक परिवर्तन बताया। लेकिन चेतावनी दी कि यह जोखिम से खाली नहीं है। उन्होंने सीरिया के पुनर्निर्माण में योगदान देने और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का वादा किया गया।
इराक ने कहा-देश सीरिया की स्थिति के घटनाक्रम पर नजर रख रहा है
इराक सरकार के प्रवक्ता बसेम अल-अवदी ने कहा कि उनका देश सीरिया की स्थिति के घटनाक्रम पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा “हम सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने या किसी अन्य के लाभ के लिए एक पार्टी का समर्थन नहीं करने के महत्व को दोहराते हैं।”
ईरान सीरिया की एकता और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है
वहीं, ईरान ने संवाद शुरू करने का आह्वान किया। ईरानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईरान, सीरिया की एकता और राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है और सीरियाई समाज के सभी वर्गों के साथ “सैन्य संघर्षों को शीघ्र समाप्त करने, आतंकवादी कृत्यों की रोकथाम और एक राष्ट्रीय संवाद शुरू करने” का आह्वान करता है। तेहरान ने पुष्टि की कि वह राजनीतिक प्रक्रिया का पालन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय तंत्र का समर्थन करना जारी रखेगा।
जॉर्डन का संघर्ष से बचने का आग्रह
किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने सीरियाई लोगों की पसंद के प्रति जॉर्डन के सम्मान की पुष्टि की। रॉयल हाशमाइट कोर्ट ने एक बयान में कहा कि किंग अब्दुल्ला ने सीरिया में सभी पक्षों से किसी भी संघर्ष से बचने का आग्रह किया जिससे अराजकता हो सकती है, और अपने देश के उत्तरी पड़ोसी में सुरक्षा की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इजराइल ने कहा-असद का पतन ऐतिहासिक घटना
इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने असद के पतन को ऐतिहासिक दिन कहा। उन्होंने कहा कि यह लेबनानी हिजबुल्लाह और ईरान के खिलाफ इजराइल के हमलों का प्रत्यक्ष परिणाम है। उन्होंने कहा, “हम अपनी सीमाओं पर किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को तैनात नहीं होने देंगे।”
फ्रांस ने कहा-बर्बर राज्य का आखिरकार पतन हो गया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने एक्स पर कहा, “बर्बर राज्य का आखिरकार पतन हो गया। मैं सीरियाई लोगों, उनके साहस और उनके धैर्य को सलाम करता हूं। अनिश्चितता के इस समय में मैं उनके लिए शांति, स्वतंत्रता और एकता की कामना करता हूं।” फ्रांस मध्य पूर्व में सभी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
कतर ने सीरिया में संकट को समाप्त करने के लिए अपने आह्वान को दोहराया है
कतर के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2254, 2015 के अनुसार सीरिया में संकट को समाप्त करने के लिए अपने आह्वान को दोहराया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीरिया “राष्ट्रीय संस्थानों और राज्य की एकता को संरक्षित करने की आवश्यकता” पर जोर देता है।
मिस्र ने कहा-सीरिया की संप्रभुता का सम्मान
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काहिरा सभी सीरियाई दलों से राज्य और उसके राष्ट्रीय संस्थानों की क्षमताओं को संरक्षित करने का आह्वान करता है। विदेश मंत्रालय ने सीरियाई लोगों, सीरिया की संप्रभुता और उसकी भूमि की एकता और अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
ट्रंप ने कहा-यह रूस की हार, इजराइल की जीत
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “ट्रुथ सोशल” कहा, “असद चले गए। वह अपना देश छोड़कर भाग गए। उनके संरक्षक, व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाले रूस को अब उनकी रक्षा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “रूस और ईरान अब कमजोर स्थिति में हैं। इजराइल और उसके युद्ध अभियानों की सफलता ने यह स्थिति पैदा की।
पाकिस्तान ने कहा-क्षेत्रीय अखंडता जरूरी
एआरवाई न्यूज चैनल के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि उनकी सीरिया के घटनाक्रम पर नजर है। उन्होंने सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पाकिस्तान के अटूट समर्थन को दोहराया। बलूच ने कहा सीरिया में पाकिस्तानी नागरिक सुरक्षित हैं। सीरिया में पाकिस्तान का दूतावास काम कर रहा है।
अब सीरिया में कभी जुल्म नहीं होंगे
27 नवंबर से 8 दिसंबर तक सीरिया में पिछले माह 27 नवंबर से हयात ताहरिर अल-शाम और तुर्किये के प्रति वफादार गुटों के लड़ाकों ने सीरिया के राष्ट्रपति के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई शुरू की और 8 दिसंबर की सुबह उन्होंने वह कर दिखाया, जिसकी कोई उम्मीद नहीं कर रहा था। सीरिया पर नियंत्रण के बाद हयात ताहरिर अल-शाम के नेता अहमद अल-शरा उर्फ अबू मुहम्मद अल-जुलानी ने दमिश्क में उमय्यद मस्जिद की अपनी यात्रा के दौरान सीरियाई सरकार को उखाड़ फेंकने और राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश से भागने की घोषणा की। जुलानी ने कहा कि यह जीत पूरे इस्लामी राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक है। अब सीरिया में कभी जुल्म नहीं होंगे। जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया जाएगा।
रूस ने दी असद और उनके परिवार को शरण
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद, उनकी पत्नी, अस्मा अल-असद और उनके परिवार के सदस्यों को मानवीय कारणों से रूस में शरण दी गई है। अरब इस्लामिक काउंसिल के अध्यक्ष मोहम्मद अली अल-हुसैनी ने कहा कि अल-असद बेलारूस गणराज्य में हैं।
लंदन में जश्न
सैकड़ों सीरियाई लोगों ने मध्य लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में राष्ट्रपति बशर अल-असद शासन के पतन का जश्न मनाया। लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी। प्रदर्शनकारियों ने तालियां बजाते हुए नारे लगाए। तारिक अल-जुनैदी (35 ) ने यह एक सपना है जो सच हो गया है। अल-जुनैदी ने 2012 में सीरिया छोड़ा था। अब वह सीरिया लौटना चाहते हैं। 63 वर्षीय पत्रकार हौसाम एडिन पारामो ने कहा, “हम देश को उग्रवादियों के भरोसे नहीं छोड़ेंगे।” पारामो ने तीस साल पहले सीरिया छोड़ दिया था। उन्होंने कहा ”यह एक नया दिन है, एक महत्वपूर्ण दिन है।”
(H.S)