प्रतिक्रिया | Tuesday, April 01, 2025

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भारत को तकनीकी वस्त्रों का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है एनटीटी मिशन

केंद्र सरकार ने तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) लाॅन्च किया था। यह मिशन तकनीकी वस्त्रों के अनुसंधान, नवाचार, बाजार विकास, निर्यात और कौशल विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। इस मिशन के तहत 2025-26 तक भारत को वैश्विक तकनीकी वस्त्रों का वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए कुल 1,480 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित है।

गौरतलब है कि तकनीकी वस्त्र वे विशेष प्रकार के कपड़े होते हैं, जो सौंदर्य की बजाय कार्यक्षमता के लिए बनाए जाते हैं। इनका उपयोग ऑटोमोबाइल, निर्माण, कृषि, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। ये कपड़े लोगों को सुरक्षा देने, मशीनों की क्षमता बढ़ाने और औद्योगिक समस्याओं का समाधान करने में मदद करते हैं।

मिशन के तहत 50,000 लोगों को प्रशिक्षित करने का रखा गया लक्ष्य

इस मिशन के तहत अब तक 168 शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लागत 509 करोड़ रुपये है। इनमें से 393.39 करोड़ रुपये का उपयोग अनुसंधान, नवाचार, बाजार विकास, निर्यात प्रोत्साहन और कौशल विकास गतिविधियों के लिए किया गया है। इस मिशन के तहत 50,000 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें स्नातक छात्र,अप्रशिक्षित कर्मचारी और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हैं।

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) के चार प्रमुख घटक हैं। पहला घटक अनुसंधान, नवाचार और विकास पर केंद्रित है, जिसके तहत नई सामग्रियों और प्रक्रियाओं के विकास के लिए शोध परियोजनाओं को समर्थन दिया जा रहा है। दूसरा घटक बाजार संवर्धन और विकास का है, जिसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर तकनीकी वस्त्रों के उपयोग को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से बाजार का विस्तार करना है। तीसरा घटक निर्यात पर केंद्रित है, जिसमें निर्यात में वृद्धि के लिए समर्पित निर्यात परिषद की स्थापना की गई है। चौथा घटक शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास से जुड़ा है, जिसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों और उद्योगों में तकनीकी वस्त्रों के लिए पाठ्यक्रम और इंटर्नशिप कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

इस मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की गई हैं। GIST 2.0 (ग्रांट फॉर इंटर्नशिप सपोर्ट फॉर टेक्निकल टेक्सटाइल्स) के माध्यम से छात्रों को तकनीकी वस्त्रों में प्रशिक्षण और उद्योग के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। वहीं, GREAT (ग्रांट फॉर रिसर्च एंड एंटरप्रेन्योरशिप अक्रॉस एस्पायरिंग इनोवेटर्स इन टेक्निकल टेक्सटाइल्स) योजना के तहत अगस्त 2023 में 8 स्टार्टअप्स को प्रत्येक को 50 लाख रुपये की सहायता दी गई, ताकि वे अपने प्रोटोटाइप को व्यावसायिक उत्पादों में बदल सकें। इसके अलावा, IIT इंदौर, NIT पटना सहित 3 शैक्षणिक संस्थानों को 6.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई, ताकि वे जियो-टेक्सटाइल्स, जियोसिंथेटिक्स और खेल वस्त्रों में विशेष पाठ्यक्रम शुरू कर सकें।

टेक्नोटेक्स 2024 कार्यक्रम, जो भारत टेक्स 2024 का हिस्सा था, में भारत के तकनीकी वस्त्र क्षेत्र की ताकत को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में 693 वर्ग मीटर में फैले “इनोवेशन जोन” में 71 प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए गए, जिनमें से 48 प्रोटोटाइप और 23 पोस्टर के रूप में प्रस्तुत किए गए।

इस मिशन के तहत कई सफलता की कहानियां भी सामने आई हैं। Eicher Goodearth द्वारा लॉन्च किया गया “महिना” भारत का पहला लीकेज-प्रूफ पीरियड अंडरवियर है, जो 12 घंटे तक सुरक्षा प्रदान करता है और 100 बार धोने के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

वहीं तमिलनाडु सरकार ने भी तकनीकी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अपने बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। PM MITRA पार्क की स्थापना विरुधुनगर में की गई है, जबकि सलेम में एक टेक्सटाइल पार्क बनाया जा रहा है। इसके अलावा, तकनीकी वस्त्र निवेश के लिए पूंजी सब्सिडी को 2% से बढ़ाकर 6% कर दिया गया है, ताकि मशीनरी अपग्रेडेशन को प्रोत्साहन मिल सके।-(Input with PIB)

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आखरी अपडेट: 1st Apr 2025