नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंगलवार को प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के मापदंडों की पूर्ति में अनफिट पाए गए कॉलेज पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी प्रभावित न हो और परीक्षा दे सकें, ऐसी व्यवस्था की जाए।
नियम के खिलाफ जाकर अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को दी मान्यता
दरअसल, मध्य प्रदेश में नियम के खिलाफ जाकर अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी। गड़बड़ी पाए जाने पर हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जांच कर रहे अफसर भी रिश्वतखोरी में शामिल थे। इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ने दो टूक शब्दों में कुछ दिन पहले कहा था कि इस घोटाले में शामिल सभी अफसरों को बर्खास्त किया जाएगा। मंगलवार को विभागीय बैठक में उन्होंने 31 जिलों में 66 नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए हैं।
अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेज की सूची भेजी गई
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त द्वारा सभी जिलों के कलेक्टर को अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेज की सूची भेजी गई है और उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इंदौर सहित कई जिलों में अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेज में कार्रवाई कर उन्हें बंद किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 31 जिलों के 66 नर्सिंग कॉलेज को अनफिट पाया गया है और उनकी मान्यता निरस्त की गई है।
इतने नर्सिंग कॉलेज होंगे बंद
बैतूल जिले के 8, भोपाल के 6, इंदौर के 5, छतरपुर, धार और सीहोर के 4-4, नर्मदापुरम के 3-3, भिंड, छिंदवाड़ा, जबलपुर, झाबुआ, मंडला, रीवा, सिवनी और शहडोल के 2-2, अलीराजपुर, अनूपपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, मुरैना, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा और श्योपुर जिले के 1-1 नर्सिंग कॉलेज अनफिट पाए गए हैं।