प्रतिक्रिया | Sunday, December 29, 2024

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भारत को शोध, शिक्षण और ज्ञान का केंद्र बनाने के प्रयासों को मजबूत करेगा ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना भारत को शोध, शिक्षण और ज्ञान का केंद्र बनाने के प्रयासों को मजबूत करेगी और अंतःविषय अध्ययन को भी प्रोत्साहित करेगी।

‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना का उद्देश्य

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस योजना को मंजूरी दी है। यह एक केंद्रीय  योजना है जिसका उद्देश्य विद्वानों के शोध लेखों और जर्नल प्रकाशनों तक देश भर में पहुंच प्रदान करना है।

कैबिनेट ने दी मंजूरी 

इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, “मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ को मंजूरी दे दी है, जो शोध, शिक्षण और ज्ञान का केंद्र बनने के हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा। यह अंतःविषय अध्ययन को भी प्रोत्साहित करेगा।”
बताना चाहेंगे ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना की सुविधा केंद्र सरकार के सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के लिए उपलब्ध होगी।

योजना की मुख्य विशेषताएं

इस योजना को एक सरल, उपयोगकर्ता के अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इस योजना के लिए तीन वर्षों, 2025, 2026 और 2027 के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कुल लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच होगी आसान

यह योजना भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच को अधिकतम करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा की गई पहलों की सीमा के दायरे और पहुंच को आगे बढ़ाएगी। यह अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शोध संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में शोध और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) पहल का पूरक होगा।

ये सभी उठा सकेंगे योजना का लाभ 

इस योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (आईएनएफएलआईबीएनईटी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस सूची में 6,300 से अधिक संस्थान शामिल हैं, जो लगभग 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बराबर हैं, जो संभावित रूप से इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।

विकसित भारत 2047, एनईपी 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लक्ष्यों के अनुरूप 

एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह योजना विकसित भारत 2047, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लक्ष्यों के अनुरूप है। इस पहल से सभी विषयों के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के विशाल समूह तक विद्वानों की पत्रिकाओं तक पहुंच का विस्तार होगा, जिसमें टियर 2 और टियर 3 शहरों के छात्र भी शामिल हैं, जिससे देश में कोर के साथ-साथ अंतःविषय अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा। एएनआरएफ समय-समय पर इन संस्थानों के भारतीय लेखकों के वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन और प्रकाशनों के उपयोग की समीक्षा करेगा।

उच्च शिक्षा विभाग के पास होगा एक एकीकृत पोर्टल ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ 

उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) के पास एक एकीकृत पोर्टल ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ होगा, जिसके माध्यम से संस्थान पत्रिकाओं तक पहुंच सकेंगे। एएनआरएफ समय-समय पर इन संस्थानों के भारतीय लेखकों के वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन और प्रकाशनों के उपयोग की समीक्षा करेगा।

डीएचई और अन्य मंत्रालय जिनके प्रबंधन में उच्च शिक्षा संस्थान और अनुसंधान एवं विकास संस्थान हैं, वे इन संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन की उपलब्धता और पहुंच के तरीके के बारे में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान सक्रिय रूप से चलाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में इस सुविधा का बेहतर उपयोग होगा। 

केवल इतना ही नहीं, राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया जाएगा कि वे सभी सरकारी संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं द्वारा इस अनूठी सुविधा का अधिकतम उपयोग करने के लिए अपने स्तर पर अभियान चलाएं। (इनपुट-आईएएनएस)

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आखरी अपडेट: 29th Dec 2024