प्रतिक्रिया | Friday, November 15, 2024

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श्रीलंका में संसद के 225 सदस्यों को चुनने के लिए गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है। इस चुनाव में देश के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके बहुमत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। देश में आर्थिक संकट के बाद अस्थिर हुई सरकार के बाद बनी नई सरकार के राष्ट्रपति दिसानायके धन के दुरुपयोग से मुक्त नई राजनीतिक संस्कृति की मांग के साथ ही संसद में भी पूर्ण बहुमत पाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।

यह चुनाव राष्ट्रपति दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल पीपुल्स पावर की पहली बड़ी परीक्षा है।

इस चुनाव में सजित प्रेमदासा के नेतृत्व वाली समागी जन संदानया, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजना पार्टी, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का समर्थन करने वाले अलग हुए विधायकों से बना न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट और उत्तर की अल्पसंख्यक पार्टियां सीटों की मांग कर रही हैं।

यह पहली बार है (1977 के बाद) कि निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वह पिछले महीने हुए राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके से हार गए थे। सभी राजपक्षे बंधु (जिनमें महिंदा, गोटाबाया, चमाल और बेसिल शामिल हैं) दशकों बाद संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

पिछली सरकार के कई मंत्रियों और उप मंत्रियों ने इस दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना है।

राष्ट्रपति दिसानायके ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने तथा उन पूर्व नेताओं को दंडित करने के लिए संसद से मजबूत जनादेश की मांग की है। ये वो भ्रष्ट नेता हैं जिन पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। दिसानायके 21 सितंबर को निर्वाचित हुए थे।

इन चुनावों में 22 निर्वाचन जिलों में मतदान के माध्यम से 196 सदस्यों का चुनाव होगा तथा राष्ट्रीय सूची के माध्यम से 29 सदस्य चुने जाएंगे। ये चुनाव में राजनीतिक दलों और स्वतंत्र समूहों को प्राप्त कुल मतों की संख्या के आधार पर होगा।

(आईएएनएस)

 

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आखरी अपडेट: 15th Nov 2024