प्रतिक्रिया | Saturday, February 01, 2025

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09/08/23 | 4:39 pm

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PLI योजना से विश्व स्तर पर “ब्रांड इंडिया” की बन रही पहचान, खाद्य प्रसंस्करण स्तर में भी हुई वृद्धि  

“ब्रांड इंडिया” एक बार फिर आज विश्व स्तर पर अपनी खास पहचान बना रहा है। इस मत में कोई दो राय नहीं कि भारत ने अपने ब्रांड को पहले से और बेहतर बनाने के लिए बीते कुछ साल में कई अहम कदम उठाए हैं। इन्हीं में है, भारत सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के लिए लाई गई तीन प्रमुख योजनाएं-  प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकरण (पीएमएफएमई) योजना और उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना। भारत सरकार खाद्य प्रसंस्करण के लिए इन्हें लागू कर रही है। इससे खाद्य हानि को कम किया जा सकेगा और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सकेगा। 

खाद्य प्रसंस्करण में पीएलआई योजना का उद्देश्य 

पीएमकेएसवाई के तहत अनुसंधान एवं विकास योजना का उद्देश्य स्थिरता को बढ़ावा देना हैं। इसके अलावा तकनीक आधारित खाद्य प्रसंस्करण नवाचार, गुणवत्ता, सुरक्षा और व्यापार सहित उत्पादन को बढ़ाया दिया जाएगा। वहीं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई योजना उन MSME को प्रोत्साहित करती है जो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हुए नवीन उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

मिलेट्स आधारित उत्पादों को बढ़ावा देना 

ज्ञात हो कि, 72 देशों द्वारा समर्थित भारत के प्रस्ताव पर कार्य करते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम 2023) के रूप में घोषित किया हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की इस घोषणा के बाद भारत इसकी अगुवाई कर रहा हैं। भारत सरकार मिलेट्स को किसानों, पर्यावरण और उपभोक्ता तीनों की दृष्टि से विजेता बनाने के लिए 'मिशन मोड' पर काम कर रही है। पीएलआई योजना मिलेट्स आधारित उत्पादों के लिए मिलेट्स को बढ़ावा देती है।

मिलेट्स, जो विशेष अनाज हैं जिन्हें उगाने के लिए कम संसाधनों की आवश्यकता होती है, यह उत्कृष्ट पोषक तत्व प्रदान तो करते ही हैं साथ ही मौसम में बदलाव का सामना कर सकते हैं। मिलेट्स आधारित उत्पादों के लिए पीएलआई योजना (पीएलआईएसएमबीपी) वित्त वर्ष 2022-23 में पीएलआईएसएफपीआई से बचत का उपयोग करते हुए ₹800 करोड़ के परिव्यय के साथ शुरू की गई थी। 2021-22 से 2026-27 तक योजना के कार्यान्वयन के लिए 10,900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

क्या करती हैं पीएलआई योजना 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च 2021 को रुपये के बजट के साथ मंजूरी दी थी। पीएलआई योजना उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओं का समर्थन करके खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की क्षमता को बढ़ाती है जो अपनी प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार करने के इच्छुक हैं। मजबूत भारतीय ब्रांडों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं, वैश्विक बाजार में भारतीय खाद्य ब्रांडों की उपस्थिति बढ़ाते हैं। 
इसमें तीन घटक शामिल हैं: चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों में विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, एसएमई के अभिनव/जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना, और भारतीय ब्रांडों के लिए विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन का समर्थन करना हैं ।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) लागू कर रहा है। जो सूक्ष्‍म एवं मध्‍यम उद्योगों (एसएमई) के सामने आने वाली बुनियादी ढांचा चुनौतियों का समाधान करती है और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा देती है। पीएमकेएसवाई कोल्ड चेन और अन्य प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना का समर्थन करता है, जो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला और भंडारण क्षमताओं को बेहतर बनाने में योगदान देता है। पीएमकेएसवाई के तहत 1,281 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

योजना से लाभ 

पीएमकेएसवाई खाद्य प्रसंस्करण एसएमई को महत्वपूर्ण सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास को प्रोत्साहन मिलता है। वित्तीय सहायता और अन्य लाभों के माध्यम से  प्रसंस्करण स्तर में वृद्धि हुई है। उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इन एसएमई के लिए बाजार पहुंच में वृद्धि हुई है। इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को काफी बढ़ावा दिया है, जिससे 13.09 लाख लोगों के लिए नौकरियां पैदा करने में मदद मिली है।

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आखरी अपडेट: 1st Feb 2025