प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन में भारतीय प्रवासी समुदाय से भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लक्ष्य में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा, “1947 में भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की और हमारी स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों ने भी अहम भूमिका निभाई। अब हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशों में रह रहे भारतीयों के योगदान की सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों की वजह से भारत वैश्विक स्तर पर प्रेषण (remittances) में अग्रणी बना हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की प्रगति केवल महानगरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी इसका प्रभाव दिखाई देता है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपने मेजबान देशों में भारतीय विरासत और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “भारत की संस्कृति को दुनिया से जोड़ने की जरूरत है। आपको छोटे शहरों और गांवों में आकर यहां की संस्कृति को समझना चाहिए और इसे दुनिया तक पहुंचाना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत के इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर, और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को विदेशों में नई पीढ़ी तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा, “आपके पास यह मौका है कि आप अपने देशों में नई पीढ़ी को भारत का वास्तविक इतिहास बताएं।”
इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की भी अपील की। उन्होंने कहा, “आपको भारत के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए। ‘मेड इन इंडिया’ खाद्य उत्पाद, कपड़े और अन्य सामान खरीदें और दूसरों को भी प्रेरित करें।” प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को भारत का राजदूत बताते हुए आश्वासन दिया कि संकट के समय उनकी सुरक्षा और कल्याण सरकार की प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा, “चुनौतियों के समय प्रवासी भारतीयों की मदद करना हमारा कर्तव्य है।”