पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि प्रभु ईसा मसीह की शिक्षाएं प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का जश्न मनाती हैं और यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस भावना को मजबूत बनाने के लिए काम करें। वहीं पवित्र बाइबल आशा को शक्ति और शांति के स्रोत के रूप में देखती है। उन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में देश की महत्वपूर्ण पहल में योगदान देने के लिए ईसाई समुदाय सहित हमारे युवाओं को बधाई दी। साथ ही जर्मनी के क्रिसमस बाजार में हुई घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने और समाज में व्यवधान उत्पन्न करने के प्रयास उन्हें बहुत दुख देते हैं। हमें ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए।
कैथोलिक बिशप्स क्रिसमस समारोह में हुए शामिल
पीएम मोदी आज कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के क्रिसमस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि क्रिसमस का दिन सबके एक साथ आने का एक विशेष अवसर होता है। इसी दिन सीबीसीआई की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ है। पिछली बार उन्हें पीएम आवास पर आप सभी के साथ इस अवसर को मनाने का अवसर मिला था।
पीएम ने पहले कार्डिनल जॉर्ज कुवाकड़ का किया जिक्र
उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ ही सप्ताह पहले कार्डिनल जॉर्ज कुवाकड़ को परमपावन पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल की डिग्री से सम्मानित किया था। इस समारोह में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक तौर पर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा गया था। उन्होंने कहा, “जब भारत का कोई बेटा…सफलता की इस भूमि पर प्रवेश करता है, तो पूरे देश को गौरव प्राप्त होता है। …भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो… किसी भी विपत्ति में हो… आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है… इसे अपना कर्तव्य समझता है।”
पीएम मोदी ने कार्डिनल्स, बिशप्स और चर्च के प्रमुख नेताओं सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत की। देश के प्रधानमंत्री पहली बार कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी। यह निकाय पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करता है।