प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह की शुरुआत के अवसर बिहार के जमुई में 6,640 करोड़ रुपये की लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे में सुधार, प्रशिक्षण देना, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। जमुई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जनजातीय उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और ‘धरती आबा’, ‘जनजातीय ग्राम’ और ‘उत्कर्ष अभियान’ योजनाओं का जिक्र किया जिनका लक्ष्य 60,000 से अधिक जनजातीय गांवों का विकास करना है।
पीएम मोदी बोले- हमारी सरकार ने जनजातीय कल्याण के लिए 5 गुना राशि बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया
पीएम मोदी ने कहा कि यह अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार थी जिसने जनजातीय कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया। 10 साल पहले, जनजातीय क्षेत्रों और परिवारों के विकास के लिए बजट 25,000 करोड़ रुपये से कम था। हमारी सरकार ने इसे 5 गुना बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा 60,000 से अधिक जनजातीय गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना- ‘धरती आबा’, ‘जनजातीय ग्राम’, ‘उत्कर्ष अभियान’ शुरू की है। इसके तहत जनजातीय गांवों में लगभग 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य जनजातीय समाज को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल आज के दिन मैं धरती आबा बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में था। आज मैं उस धरती पर आया हूं जिसने शहीद तिलका मांझी की बहादुरी देखी है। लेकिन इस बार यह कार्यक्रम और भी खास है क्योंकि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के समारोह की शुरुआत आज से पूरे देश में हो रही है। ये कार्यक्रम अगले एक साल तक चलते रहेंगे। आज देश के सैकड़ों जिलों से करीब 1 करोड़ लोग हमारे कार्यक्रम से तकनीक के माध्यम से जुड़े हुए हैं।”
पीएम मोदी ने कहा “आज 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। इनमें लगभग 1.5 लाख पक्के घरों के स्वीकृति पत्र शामिल हैं जो मेरे जनजातीय भाई-बहनों के लिए हैं। जनजातीय बच्चों के भविष्य को आकार देने के लिए स्कूल और छात्रावास हैं। जनजातीय महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं हैं जनजातीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़कें हैं।”
उन्होंने कहा, “सिकल सेल एनीमिया की बीमारी जनजातीय समाज के लिए बड़ी चुनौती रही है। हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है, जो एक साल से चल रहा है। इस दौरान लगभग 4.5 करोड़ लोगों की जांच की गई है। बड़ी संख्या में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जा रहे हैं ताकि जनजातीय परिवारों को अन्य बीमारियों के चेकअप के लिए दूर न जाना पड़े।” पीएम मोदी ने कहा कि जनजातीय समाज का प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में बड़ा योगदान रहा है और इस धरोहर को संजोया जा रहा है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए नए आयाम जोड़े जा रहे हैं।
पीएम ने कहा “पहले की सरकारों ने अत्यधिक पिछड़ी जनजातीय समुदायों की बिल्कुल भी परवाह नहीं की। उनके जीवन में कठिनाइयों को कम करने के लिए पीएम जनमन योजना शुरू की गई, जिसकी लागत 24 हजार करोड़ रुपये है। यह योजना देश की सबसे पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों के विकास को सुनिश्चित कर रही है। आज इस योजना का एक साल पूरा हो गया है”।
पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जनजातीय धरोहर को संजोने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जनजातीय कला और संस्कृति के प्रति समर्पित कई लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। हमने रांची में बिरसा मुंडा के नाम पर एक बड़ा संग्रहालय शुरू किया। चाहे संस्कृति हो या सामाजिक न्याय, आज की एनडीए सरकार का मानक अलग है। मुझे सिर्फ बीजेपी के लिए ही नहीं बल्कि एनडीए के लिए भी गर्व है कि हमें द्रौपदी मुर्मू को देश का पहला जनजातीय राष्ट्रपति बनाने का अवसर मिला।