पीएम मोदी ने सहायक सचिव के रूप में नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम ने कहा कि राष्ट्र प्रथम ही जीवन का लक्ष्य है और सभी अधिकारियों से इस यात्रा में उनके साथ शामिल होने को कहा।
दरअसल, गुरुवार को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में आईएएस 2022 बैच के 181 अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की, जिन्हें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। बातचीत के दौरान, विभिन्न अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण के अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री ने 2022 में आरंभ कार्यक्रम के दौरान उनके साथ अपनी पिछली बातचीत को याद किया। सहायक सचिव कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य प्रशासनिक पिरामिड के शीर्ष से लेकर नीचे तक के युवा अधिकारियों को अनुभवात्मक शिक्षा का अवसर प्रदान करना है।
‘नया भारत सक्रियता की मांग करता है’
पीएम मोदी ने कहा कि नया भारत सुस्त रवैये से संतुष्ट नहीं है और सक्रियता की मांग करता है तथा उन्हें सभी नागरिकों को सर्वोत्तम संभव शासन, विनिर्माण की गुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
सेवा वितरण में बनें सुपरफास्ट हाईवे
लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना आदि जैसी योजनाओं के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अधिकारियों को इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संतृप्ति दृष्टिकोण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और भेदभाव को रोकता है। उन्होंने कहा कि अब यह आपको तय करना है कि वे सेवा वितरण में स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें उत्प्रेरक एजेंट बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए और जब वे अपनी आंखों के सामने बदलाव होते देखेंगे तो उन्हें संतुष्टि महसूस होगी।
पीएम ने कहा कि राष्ट्र प्रथम सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि उनके जीवन का उद्देश्य है और उन्होंने अधिकारियों से इस यात्रा में उनके साथ चलने का आह्वान किया। आईएएस के रूप में चयन के बाद उन्हें जो प्रशंसा मिली थी, वह अब अतीत की बात हो गई है और उन्हें अतीत में रहने के बजाय भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए।