प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को अगले साल 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया है। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों, विशेष रूप से ब्रिक्स में भारत-रूस संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष सहित आपसी हित के प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि संघर्षों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की इस साल यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले दोनों नेता जुलाई 2024 में 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मास्को में मिले थे।
कल मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ब्रिक्स की रूसी अध्यक्षता और बहुपक्षवाद को मजबूत करने, सतत विकास को आगे बढ़ाने तथा वैश्विक शासन सुधार को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, ऊर्जा और लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक मामलों पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की आगामी बैठक का स्वागत किया, जो नवंबर 2024 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है।
सोशल मीडिया एक्स पर इस मुलाकात के बारे में पीएम मोदी ने एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक शानदार बैठक हुई। भारत और रूस के बीच संबंध बहुत गहरे हैं। हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित रही कि विभिन्न क्षेत्रों में हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को और अधिक मजबूती कैसे दी जाए।
दोनों देशों के नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों, विशेष रूप से ब्रिक्स में भारत-रूस संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष सहित आपसी हित के प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि संघर्षों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है। रूस और यूक्रेन के बीच वर्ष 2022 से ही संघर्ष चल रहा है। वर्ष 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष को हल करने का आह्वान किया है, भारत हमेशा से ही विश्व शांति का पक्षधर रहा हैं और पीएम मोदी सदैव वैश्विक मंचों से विश्व में शांति, स्थिरता और सहयोग की बात करते रहें हैं।