प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए 56 सालों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में गुयाना की यात्रा की। आज बुधवार को पीएम मोदी के जॉर्जटाउन पहुंचने पर गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स और दर्जनों कैबिनेट मंत्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया।
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने दूसरे भारत-कैरिबियाई शिखर सम्मेलन में भाग लिया और 15 सदस्यीय कैरेबियन समुदाय (CARICOM) के नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक छोटे देशों को वैश्विक मंचों पर उनकी आवाज उठाने में मदद करने और भारत की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जॉर्जटाउन में आयोजित एक स्वागत समारोह में पीएम मोदी ने CARICOM नेताओं और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत की।
ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना पीएम की यात्रा का मुख्य उद्देश्य
पीएम मोदी की गुयाना यात्रा इस मायने में भी खास है क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र में इस देश की महत्वपूर्ण स्थित है, जहां गुयाना के पास करीब 11 बिलियन बैरल से अधिक तेल भंडार हैं। पीएम मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना, व्यापार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। पीएम की इस यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। गुयाना की एक बड़ी आबादी भारतीय प्रवासी है जिन्होंने भारत के साथ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को बनाए रखा है। गौरतलब है कि भारत ने गुयाना में नेशनल क्रिकेट स्टेडियम और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (CEIT) जैसे प्रोजेक्ट्स में मदद की है। यह प्रगति दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। पीएम मोदी की यह यात्रा व्यापार को बढ़ावा देने का भी अवसर है, जो 2021-22 में 223.36 मिलियन डॉलर पर थी।
पीएम मोदी ने CARICOM नेताओं से की एकता और सहयोग बनाए रखने की अपील
पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों और CARICOM नेताओं को संबोधित कर एकता और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, वह गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे और शिखर सम्मेलन में उच्चस्तरीय चर्चाओं की सह-अध्यक्षता करेंगे। राष्ट्रपति अली ने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा सहयोग के नए द्वार खोलेगी और इसे भारत और गुयाना की स्थायी दोस्ती का प्रतीक बताया।