प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी वेलु नचियार की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर लिखा “रानी वेलु नचियार ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ी। उनकी बहादुरी और रणनीतिक कुशलता ने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभाई।”
सन् 1730 में जन्मी रानी वेलु नचियार भारत की पहली रानी थीं जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। तमिलों द्वारा उन्हें “वीरमंगई” (बहादुर महिला) के नाम से जाना जाता है। उनके पति की हत्या के बाद उन्होंने आठ वर्षों तक हैदर अली के संरक्षण में रहकर अपनी सेना तैयार की और सहयोगियों के साथ ब्रिटिशों का सामना करने की योजना बनाई।
रानी वेलु नचियार ने सन् 1780 में अपनी सेना और सहयोगियों की मदद से ब्रिटिशों को हराया और अपना साम्राज्य वापस हासिल कर लिया। उनकी इस लड़ाई को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है। इतिहास में पहली बार आत्मघाती हमले का जिक्र भी उनकी रणनीति से जुड़ा हुआ है। फ्रेंच, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं में निपुण रानी वेलु नचियार बहादुरी और सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने और साहस दिखाने की प्रेरणा देता है।