प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की हाल की उपलब्धियों को साझा किया। इसके साथ उन्होंने देश के वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स, और युवा उद्यमियों की सराहना की। उन्होंने बताया कि 2025 की शुरुआत में ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘पिक्सेल’ द्वारा भारत के पहले निजी सैटेलाइट कांस्टेलेशन ‘फायर-फ्लाई’ के सफलतापूर्वक लॉन्चिंग का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “यह दुनिया का सबसे हाई-रिजाॅल्यूशन हाइपर स्पेक्ट्रल सैटेलाइट कांस्टेलेशन है। इस सफलता ने भारत को आधुनिक स्पेस टेक्नोलॉजी में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित किया है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा कदम बढ़ाया है।”
पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट डॉकिंग की सफलता पर जताई खुशी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट डॉकिंग की सफलता पर भी खुशी जताई। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का उपयोग स्पेस स्टेशन तक सप्लाई पहुंचाने और क्रू मिशन में किया जाता है। इस उपलब्धि के साथ भारत स्पेस डॉकिंग में सफल होने वाला चौथा देश बन गया है। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में पौधे उगाने के प्रयास की चर्चा करते हुए कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने लोबिया के बीज को अंतरिक्ष में भेजा, जो वहां अंकुरित हुए। उन्होंने इसे एक प्रेरणादायक प्रयोग बताया जो भविष्य में अंतरिक्ष में सब्जियां उगाने का रास्ता खोलेगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आईआईटी मद्रास के ‘एक्सटेम’ सेंटर की भी तारीफ की जो अंतरिक्ष में मैन्युफैक्चरिंग के लिए नई तकनीकों पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह सेंटर 3डी-प्रिंटेड बिल्डिंग, मेटल फोम्स, और ऑप्टिकल फाइबर जैसे इनोवेशन पर रिसर्च कर रहा है। साथ ही, बिना पानी के कंक्रीट निर्माण जैसी तकनीकें विकसित की जा रही हैं जो भारत के गगनयान मिशन और भविष्य के स्पेस स्टेशन को मजबूत बनाएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे वैज्ञानिक और इनोवेटर्स दूरदृष्टि के साथ काम कर रहे हैं। ये उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत स्पेस टेक्नोलॉजी में कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है।” उन्होंने वैज्ञानिकों, युवाओं, और इनोवेटर्स को शुभकामनाएं दीं और उनके योगदान को देश के लिए गर्व का विषय बताया। भारत की इन उपलब्धियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है और अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व में नई ऊंचाइयां छू रहा है।