प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को गुयाना की संसद को संबोधित करते हुए भारत और गुयाना के समान मूल्यों और संघर्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने उपनिवेशवाद से आजादी के लिए कठिन संघर्ष किया और अब “लोकतंत्र पहले, मानवता पहले” के सिद्धांत पर एक साथ खड़े हैं। अपने तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में गुयाना पहुंचे पीएम मोदी ने इन सिद्धांतों की अहमियत समझाई। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र हमें सिखाता है कि सभी को समान माना जाए और सभी को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाए। ‘मानवता पहले’ हमें यह सिखाता है कि हमारे कार्य सभी के हित में हों।”
दुनिया के आगे बढ़ने का सबसे सही रास्ता है लोकतंत्र और मानवता : पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि भारत और गुयाना की आजादी के समय दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं जबकि 21वीं सदी में चुनौतियां बदल चुकी हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी संस्थाएं अब टूट रही हैं, और देश कई अन्य समस्याओं में उलझ गए हैं। ऐसे में, पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और मानवता पर ध्यान केंद्रित करना ही दुनिया के आगे बढ़ने का सबसे सही तरीका है।
पीएम मोदी ने कहा कि “लोकतंत्र भारत के डीएनए में है यह हमारे सोचने और काम करने का हिस्सा है। इसीलिए भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान दुनिया को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कोरोना संकट के समय भारत के योगदान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब पूरी मानवता कोरोना संकट का सामना कर रही थी, तब भारत ने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य का संदेश दिया जो सभी के सामूहिक कल्याण पर आधारित था।”