प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को रिपब्लिक प्लेनरी समिट 2025 में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती भूमिका पर बात की। उन्होंने रिपब्लिक टीवी को युवा प्रतिभाओं को मंच देने और हैकाथॉन प्रतियोगिता आयोजित करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब देश के युवा राष्ट्रीय चर्चाओं में शामिल होते हैं, तो उनकी नई सोच और ऊर्जा पूरे माहौल को जोश से भर देती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को एक वैश्विक विकास इंजन के रूप में देख रही है। उन्होंने बताया कि 10 साल पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, लेकिन अब यह 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने याद दिलाया कि 2007 में भारत की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में पूरा साल लगता था, लेकिन अब यह सिर्फ 3 महीनों में हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 सालों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, जो कई देशों की पूरी जनसंख्या से भी अधिक है। पहले सरकारी मदद का सिर्फ 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था लेकिन अब ₹42 लाख करोड़ सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं, जिससे भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 10 वर्षों में भारत की कई प्रमुख उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई है, जिससे भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल हो गया है। टॉय (खिलौना) निर्यात तीन गुना बढ़ गया है और रक्षा (डिफेंस) निर्यात 20 गुना बढ़ा है। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील और मोबाइल फोन निर्माता बन चुका है और स्टार्टअप्स के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश 5 गुना बढ़ गया है और देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है। इसके अलावा, AIIMS और मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब भारत का नजरिया बदल चुका है। पहले लोग सरकार से छोटे लाभों की उम्मीद करते थे, लेकिन आज वे वंदे भारत ट्रेन, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार हर क्षेत्र में पुराने प्रतिबंध हटाकर नई संभावनाएं खोल रही है। उन्होंने अंतरिक्ष (स्पेस) सेक्टर का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले इसरो (ISRO) ही सभी स्पेस प्रोजेक्ट्स करता था, लेकिन अब 250 से अधिक स्टार्टअप स्पेस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं और विक्रम-S व अग्निबाण जैसे रॉकेट विकसित कर रहे हैं। इसी तरह, न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर भी निजी कंपनियों के लिए खोला गया है, जिससे 2047 तक 100 गीगावॉट क्षमता बढ़ाने की योजना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व योजना की सफलता का जिक्र किया, जिससे गांवों के लोगों को घर और जमीन के कानूनी दस्तावेज मिल रहे हैं। पहले, ग्रामीण बैंक से लोन नहीं ले सकते थे क्योंकि उनके पास संपत्ति के पक्के कागजात नहीं होते थे, लेकिन अब 2 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं। इससे गांवों में विवाद कम हुए हैं, आर्थिक स्थिरता आई है और लोग नए बिजनेस शुरू कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के विकास में X-फैक्टर को बताया महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के युवा “X-फैक्टर” हैं, जहां एक्स का मतलब है Experimentation (नवाचार), Excellence (उत्कृष्टता) और Expansion (विस्तार)। उन्होंने बताया कि आज भारत के युवा नई तकनीकों का आविष्कार कर रहे हैं, वैश्विक मानक स्थापित कर रहे हैं, और 140 करोड़ भारतीयों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि “स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन” में अब तक 10 लाख से अधिक युवा भाग ले चुके हैं और उन्होंने 2,500 से अधिक समाधान (सॉल्यूशंस) विकसित किए हैं, जिससे सरकारी योजनाएँ और बेहतर हो रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों पर चलती थीं, लेकिन अब उनका लाभ जरूरतमंद लोगों तक सीधे पहुंच रहा है। पहले, गरीबों के लिए मकान सरकार बनवाती थी, लेकिन अब पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाता है, जिससे लोग अपनी पसंद का घर बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहले अधूरे घर दिए जाते थे, लेकिन अब सरकार पूरे सुविधाओं के साथ घर बना रही है, जिनमें जल कनेक्शन, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पहले आतंकी हमले और बम धमाकों की खबरें आम होती थीं, लेकिन अब यह पूरी तरह बंद हो चुका है। नक्सलवाद लगभग समाप्ति की ओर है, और 100 से अधिक प्रभावित जिलों की संख्या घटकर अब 24 से कम हो गई है। उन्होंने “अर्बन नक्सलियों” के बारे में चेतावनी दी कि ये लोग देश के विकास और भारतीय संस्कृति के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों में भी अर्बन नक्सलियों की विचारधारा घुस चुकी है, जिससे हमें सतर्क रहना होगा।