प्रतिक्रिया | Friday, January 31, 2025

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14वीं बार पीएम मोदी विदेशी संसद को करेंगे संबोधित, सबसे अधिक बार संबोधित करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री होने का गौरव 

पीएम मोदी गयाना की संसद को संबोधित करेंगे जो भारत और गयाना के बीच मजबूत होते संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेगा। यह 14वीं बार होगा जब किसी अन्य देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां के संसद को संबोधित करेंगे।

1980 में नया संविधान के बाद गयाना एक गणराज्य बना

गयाना, जिसे पहले ब्रिटिश गयाना के नाम से जाना जाता था। गयाना में विधायी व्यवस्था का आरंभ औपनिवेशिक शासन के दौरान हुआ। 1966 में गयाना ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की। इसके बाद गयाना में एक स्वतंत्र संसद की स्थापना हुई।1980 में नया संविधान लागू होने के बाद गयाना एक गणराज्य बन गया और संसद की भूमिका अधिक प्रभावशाली हो गई।

गयाना की संसद एकसदनीय

गयाना की संसद एकसदनीय (unicameral) है, जिसे “नेशनल असेंबली” कहा जाता है। गयाना की संसद जिसे नेशनल असेंबली भी कहा जाता है इसमें 65 सदस्य होते हैं जो प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं। चुनाव में दलों को प्राप्त कुल वोट प्रतिशत के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं। 65 सीटों में से 25 सदस्य 10 प्रशासनिक क्षेत्रों से चुने जाते हैं। शेष 40 सदस्य राष्ट्रीय स्तर पर दलों को प्राप्त कुल वोटों के अनुपात में चुने जाते हैं। संसद का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।

विदेशी संसदों को सबसे अधिक बार संबोधित करने का गौरव 

बता दें कि पीएम मोदी का यह 14वां ऐसा अवसर होगा जब विदेशी देशों की संसदों में भारत के लोगों की ओर से बोलेंगे। उन्हें विदेशी संसदों को सबसे अधिक बार संबोधित करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7 बार ऐसे संबोधन दिए थे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने 14 बार विदेशी संसदों को संबोधित किया है।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चार बार विदेशी विधानमंडलों को संबोधित किया था, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार ऐसा किया था। राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार ऐसे भाषण दिए, जबकि मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव जैसे अन्य लोगों ने केवल एक बार ही भाषण दिया।

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आखरी अपडेट: 31st Jan 2025