प्रतिक्रिया | Saturday, January 18, 2025

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पीएम मोदी शनिवार को 65 लाख से ज्यादा संपत्ति कार्डों का करेंगे वितरण, भूमि विवादों में आएगी कमी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति मालिकों को 65 लाख से ज्यादा संपत्ति कार्ड सौंपेगे। यह कार्ड 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों और 230 से ज्यादा जिलों में रहने वाले संपत्ति मालिकों को दिए जाएंगे। ये संपत्ति कार्ड आपसी झगड़ों को निपटाने में सहायक होंगे। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आज शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “स्वामित्व योजना के तहत देशभर के ग्रामीण इलाकों के मेरे भाई-बहनों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिले, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में शनिवार को दोपहर करीब 12.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपत्ति मालिकों को लाखों संपत्ति कार्ड सौंपने का सौभाग्य मिलेगा।”

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में तैयार किया जाता है, जिससे लोगों को अपनी जमीन पर मालिकाना हक का अधिकार मिलता है। इस पहल का उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और भूमि के मालिकाना हक को स्पष्ट करना है, ताकि किसानों को आसानी से बैंक से लोन मिल सके। इस योजना में ड्रोन सर्वे, जीआईएस और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जा सके और लोगों के आपसी झगड़ों को आसानी से खत्म किया जा सके।

स्वामित्व योजना के जरिए भूमि के स्वामित्व का एक प्रमाण मिलता है जिससे जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी। भूमि का स्वामित्व स्पष्ट होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आती है और किसानों को लोन लेने में भी सुविधा होती है। यह योजना ग्रामीण भारत के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद कर रही है। अब तक 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्षित गांवों का 92% है। 1.53 लाख गांवों के लिए 2.25 करोड़ से ज्यादा संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। यह योजना पुदुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कई अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। -आईएएनएस

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आखरी अपडेट: 17th Jan 2025