प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत अब तक 8.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ₹1.2 लाख करोड़ का मुफ्त इलाज मिल चुका है। 2018 में शुरू हुई यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बन चुकी है। इसके तहत गरीब और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को हर साल ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है। यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि वे महंगे इलाज के कारण कर्ज में न डूबें।
29 जनवरी तक तमिलनाडु में सबसे ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं जहां 90.49 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है। इसके बाद कर्नाटक (66.04 लाख), राजस्थान (57.41 लाख), केरल (54.64 लाख), आंध्र प्रदेश (49.67 लाख) और गुजरात (45.46 लाख) का स्थान है। लक्षद्वीप में सबसे कम सिर्फ 780 लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है।
PM -JAY की सबसे खास बात यह है कि इसमें परिवार के सदस्यों की संख्या या उम्र की कोई सीमा नहीं है। परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकता है। इस योजना के तहत इलाज से जुड़ा हर खर्च कवर किया जाता है, जैसे दवाइयां, जांच, डॉक्टर और सर्जन की फीस, आईसीयू और अस्पताल में भर्ती होने का खर्च यहां तक कि मरीज को छुट्टी मिलने के बाद 15 दिनों तक फॉलो-अप इलाज भी मुफ्त दिया जाता है।
अब तक सरकार ने 36.54 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी किया है ताकि लोगों को आसानी से मुफ्त इलाज मिल सके। सबसे ज्यादा कार्ड उत्तर प्रदेश (5.19 करोड़) में जारी किए गए हैं जबकि सबसे कम लक्षद्वीप (35,343) में दिए गए हैं। फिलहाल 31,077 सरकारी और निजी अस्पताल इस योजना के तहत मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को आयुष्मान वय वंदना योजना शुरू की। इस नई योजना के तहत बुजुर्गों को हर साल अलग से ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस योजना के चलते लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिली है और यह भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।