समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन, फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।”
मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
उन्होंने आगे कहा, “इस बात को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना, मैं समझता हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का नुकसान करना है।” अबू आजमी ने वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, “हमने जो औरंगजेब के बारे में टिप्पणी की है, वो इतिहासकारों को पढ़ने के बाद किया है। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, ज्योतिबा फूले, डॉ. भीमराव अंबेडकर का हम सम्मान करते हैं
हमने किसी भी महापुरुष का अपमान नहीं किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, ज्योतिबा फूले, डॉ. भीमराव अंबेडकर का हम सम्मान करते हैं। इन महापुरुषों ने समाज के सभी वर्ग के लोगों को समानता का दर्जा दिया था। अगर किसी को लगता है कि मैंने गलत बोला है तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं। मेरा मानना है कि विधानसभा का सत्र चलना चाहिए। इस बात को लेकर जनता का कोई काम नहीं रुकना चाहिए।”
सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी
इससे पहले सोमवार को सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी। इसके बाद से देश में बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया। अबू आजमी ने कहा था, “औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था। उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं। औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया। औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।”(इनपुट-आईएएनएस)