राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने दुनियाभर में भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज भारतीय प्रवासी तकनीक, चिकित्सा, कला और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान दे रहे हैं। उनकी उपलब्धियां न केवल भारत का गौरव बढ़ाती हैं, बल्कि दुनियाभर के लोगों को प्रेरणा भी देती हैं।
राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्राप्त करने वालों को बधाई दी और त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कांगालू की प्रशंसा की। उन्होंने कांगालू के नेतृत्व, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने और भारतीय प्रवासी समुदाय के समर्थन के लिए उन्हें सराहा।
राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रवासी भारतीय दिवस को भारत और प्रवासी समुदाय के बीच सहयोग और संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने भारत के “विकसित भारत 2047” के विजन को पूरा करने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें देश के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि भारतीय प्रवासी भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना से प्रेरित होकर दुनियाभर के कल्याण में योगदान देना जारी रखेंगे।