राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज शनिवार को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन की जयंती पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे और उन्होंने 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक इस पद पर कार्य किया। उनका जन्म 8 फरवरी 1897 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की। शिक्षा के प्रति उनके विशेष लगाव ने उन्हें अलीगढ़ में नेशनल मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया जिसे बाद में दिल्ली स्थानांतरित कर जामिया मिलिया इस्लामिया नाम दिया गया। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति भी रहे और इन संस्थानों में अपने कुशल नेतृत्व से महत्वपूर्ण बदलाव किए।
शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के साथ-साथ वे स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया जिनमें बिहार के राज्यपाल (1957-1962) और भारत के उपराष्ट्रपति (1962-1967) शामिल हैं। 13 मई 1967 को वे भारत के राष्ट्रपति बने और इस पद पर आसीन होने वाले पहले मुस्लिम बने। 3 मई 1969 को उनका निधन हो गया।
इस बीच, केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि केरल के राज्यपाल ने राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट की। राजेंद्र आर्लेकर वर्तमान में केरल के राज्यपाल हैं। इससे पहले वे बिहार और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।