हिमाचल प्रवास के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज (मंगलवार) को राजधानी शिमला के ऐतिहासिक संकटमोचन और तारादेवी मंदिरों में दर्शन कर पूजा अर्चना करेंगी। द्रौपदी मुर्मू तारादेवी मंदिर में दर्शन करने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी। राष्ट्रपतिमुर्मू का काफिला सुबह 10:50 बजे राष्ट्रपति निवास छराबड़ा से रवाना होगा और वह पूर्वान्ह 11:25 बजे बाबा नीब करौरी की तपस्थली संकटमोचन मंदिर पहुंचकर माथा टेकेंगी। यहां राष्ट्रपति भगवान राम और माता सीता को हलवे का भोग लगाएंगी। बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने के बाद बदाने का भोग लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है, संकटमोचन मंदिर में माथा टेकने वाली द्रौपदी मुर्मू दूसरी राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले स्वर्गीय डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा ने यहां शीश नवाया था।
राष्ट्रपति दोपहर 12:20 बजे ऐतिहासिक तारादेवी मंदिर पहुंचकर तारा माता की पूजा अर्चना करेंगी। तारादेवी जुन्गा के राजा की कुलमाता है। मंदिर के मुख्य पुजारी कमलेश चंद्रा दस महाविद्याओं में से एक माता तारा की विशेष पूजा करवाएंगे। राष्ट्रपति को माता की चुन्नी और प्रसाद दिया जाएगा। खास बात यह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू परिजनों सहित माता का भंडारा चखेंगी।
राष्ट्रपति के लिए मंदिर में बनने वाले पकवान तैयार किए जाएंगे। इसमें सेपू बड़ी, राजमा, दाल चना, मालपुए, मीठा बदाणा, कढ़ी चावल और पूरी समेत दस पकवान बनाएं जाएंगे। यह पहला मौका होगा जब देश का राष्ट्रपति तारा देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचेगा।
मंगलवार शाम को राष्ट्रपति शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान और माल रोड का भृमण करेंगी। बाद में वह शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 मई को वापिस दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है। वह बीते 4 मई को शिमला पहुंची थीं।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)