राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को महात्मा गांधी संस्थान (एमजीआई), मोका, मॉरीशस का दौरा किया। राष्ट्रपति ने संस्थान के परिसर में स्थित 1970 में भारत और मॉरीशस सरकार की संयुक्त पहल के रूप में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। एमजीआई की अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति ने संस्थान में संरक्षित कुछ दुर्लभ अभिलेखों को भी देखा, जो देश में पहले भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के आगमन के दस्तावेज हैं। इस मौके द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मॉरीशस में भारतीय प्रवासियों द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति न केवल हमारे लिए गर्व की बात है, बल्कि दुनिया भर के भारतीयों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।
महात्मा गांधी संस्थान का किया दौरा
मॉरीशस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को महात्मा गांधी संस्थान (एमजीआई) का दौरा किया। उन्होंने इस संस्थान के परिसर में स्थित 1970 में भारत और मॉरीशस सरकार की संयुक्त पहल के रूप में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। ज्ञात हो कि एमजीआई मॉरीशस में भारतीय कला, संस्कृति और भाषाओं को बढ़ावा देने एवं प्रचारित करने वाली एक अग्रणी संस्था है।
भारतीय प्रवासियों की प्रगति गर्व की बात
इस अवसर पर एमजीआई संस्थान में एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मॉरीशस में भारतीय प्रवासियों द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति न केवल हमारे लिए गर्व की बात है, बल्कि दुनिया भर के भारतीयों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी दशकों पुरानी साझेदारी मॉरीशस की विकास यात्रा में योगदान देने और मॉरीशस में आम लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता का एक शानदार उदाहरण है।
महात्मा गांधी संस्थान को प्रोत्साहित किया
राष्ट्रपति ने मॉरीशस के युवाओं को न केवल सांस्कृतिक और भाषाई रूप से, बल्कि शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर प्रदान करके उन्हें भारत के साथ जुड़ने के और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी संस्थान को प्रोत्साहित किया।
प्रवासी भारतीय नागरिकता की पात्रता के विस्तार की घोषणा की
इसके अतिरिक्त द्रौपदी मुर्मु ने 7वीं पीढ़ी के भारतीय मूल के मॉरीशसवासियों के लिए प्रवासी भारतीय नागरिकता की पात्रता के विस्तार की घोषणा की, जिससे अधिक युवा मॉरीशसवासी अपने पूर्वजों की भूमि के साथ फिर से जुड़ सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि एमजीआई की अपनी यात्रा के दौरान द्रौपदी मुर्मु ने संस्थान में संरक्षित कुछ दुर्लभ अभिलेखों को भी देखा। बता दें कि यह देश में पहले भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के आगमन के दस्तावेज हैं।
11 मार्च को मॉरीशस पहुँची, राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन से मुलाकात की
बता दें कि द्रौपदी मुर्मु देश की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर सोमवार (11 मार्च) को मॉरीशस पहुँची थी। मंगलवार, 12 मार्च को दिन की अपनी पहली बैठक में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्टेट हाउस, ले रेडुइट में मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने अद्वितीय और बहुआयामी भारत-मॉरीशस संबंधों को और सुदृढ़ करने पर चर्चा की। राष्ट्रपति मुर्मु ने आयुर्वेदिक उद्यान का भी दौरा किया, जिसे पिछले वर्ष स्टेट हाउस के मैदान में स्थापित किया गया था। बाद में, राष्ट्रपति मुर्मू ने पैम्पलेमोसेस के सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन, का दौरा किया और सर शिवसागर रामगुलाम और सर अनिरुद्ध जुगनॉथ की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।