प्रतिक्रिया | Saturday, December 14, 2024

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प्रधानमंत्री मोदी ने मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया

आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार को रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) में रात करीब साढ़े 12 बजे हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। मंगल मुंडा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया।

भगवान बिरसा मुंडा जी के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगल मुंडा के निधन पर शोक जताते हु सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “भगवान बिरसा मुंडा जी के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना उनके परिवार के साथ ही झारखंड के जनजातीय समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को संबल प्रदान करे।”

हेमंत सोरेन ने मंगल मुंडा के निधन पर गहरा दु:ख जताया

बिरसा मुंडा के अनुयायी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने के मंगल मुंडा के निधन पर गहरा दु:ख जताया है, उन्होंने कहा कि इस खबर से अत्यंत दुखी हूं। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दें।

नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर ट्रामा सेंटर में बेड नहीं मिला

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने शोक संदेश में लिखा है कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा जी का असामयिक निधन अत्यंत दु:खद और हृदय विदारक है। संड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है। इस नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर ट्रामा सेंटर में बेड नहीं मिला। इलाज शुरू करने में 10 घंटे की देरी हुई। परिजनों को 15 हजार की दवाएं भी खुद खरीदनी पड़ी।

यह केवल मुंडा जी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था के द्वारा उनकी हत्या है

उन्होंने कहा कि अबुआ सरकार में एक गरीब आदिवासी की जिंदगी की कीमत आज बस इतनी ही रह गई है। यह केवल मुंडा जी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था के द्वारा उनकी हत्या है। जिस झारखंड को बिरसा मुंडा के आदर्शो पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा व्यवहार होना हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देता है। उन्होंने कहा कि क्या आज हमारी सरकार और व्यवस्था में गरीबों की कोई जगह नहीं बची है? यह सवाल सिर्फ मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि झारखंड के हर गरीब आदिवासी का है।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह झारखंड एवं देशभर के आदिवासी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन की दु:खद खबर से मर्माहत हूं। यह झारखंड एवं देशभर के आदिवासी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मरांग बुरू दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार!

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रदेश के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी मंगल मुंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा, “धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर शोकाकुल परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

झारखंड के खूंटी जिले के साइको थाना क्षेत्र के पीडिहातु मोड़ के पास बीते सोमवार शाम एक यात्री वाहन की छत से गिरने से मंगल मुंडा के सिर में चोटें आई थी। खूंटी के सदर अस्पताल में शुरुआती इलाज के बाद मंगल मुंडा को मंगलवार को रिम्स रेफर कर दिया गया था। जहां शुक्रवार को उनका निधन हो गया।

मंगल मुंडा बिरसा मुंडा के वंशज थे। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी और उन्हें साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है।

 

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आखरी अपडेट: 14th Dec 2024