केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई और भाजपा के वरिष्ठ नेता व जम्मू के नगरोटा से विधायक देवेंद्र सिंह राणा (59) का हरियाणा के फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर कहा कि देवेंदर सिंह राणा का असामयिक निधन अत्यन्त दुखद है। वह एक अनुभवी नेता थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए लगन से काम किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने विधायक देवेंद्र सिंह राणा के आकस्मिक निधन पर शोक और दुख व्यक्त किया है।
जम्मू के डोगरा समुदाय की मजबूत आवाज थे
आपको बता दें , हरियाणा के फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में देवेंद्र सिंह राणा का इलाज चल रहा था, गुरुवार को अस्पताल में उनका निधन हो गया। वह 59 साल के थे। उनके निधन की खबर फैलते ही जम्मू के गांधीनगर इलाके में उनके आवास पर राजनीतिक नेता व कार्यकर्ता जमा हो गए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी उनके घर पहुंचे। राणा जम्मू के डोगरा समुदाय की मजबूत आवाज थे। राणा हाल ही में जम्मू जिले के नगरोटा खंड क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए दोबारा चुने गए थे। उन्होंने यह सीट दूसरी बार हासिल की थी।
पीएम मोदी ने कहा-दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ
प्रधानमंत्री मोदी ने देवेन्द्र सिंह राणा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया, “श्री देवेंदर सिंह राणा जी का असामयिक निधन अत्यन्त दुखद है। वह एक अनुभवी नेता थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए लगन से काम किया। उन्होंने हाल ही में विधानसभा चुनाव जीता था और जम्मू-कश्मीर में भाजपा को मजबूत बनाने में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।”
राजनीतिक नेताओं ने राणा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की
वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधायक देवेंद्र सिंह राणा के आकस्मिक निधन पर शोक और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राणा के निधन से हमने एक देशभक्त और व्यापक रूप से सम्मानित नेता खो दिया है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध थे। मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने भी भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र राणा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह खबर एक शुभ दिन (दिवाली) पर विशेष रूप से निराशाजनक है। मैं उनके परिवार और पीएमओ जितेंद्र सिंह के प्रति उनके छोटे भाई के नुकसान पर संवेदना व्यक्त करता हूं।
पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देवेंद्र राणा जी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना।
भाजपा ने कहा- उनका असामयिक निधन पार्टी और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बड़ी क्षति
जम्मू-कश्मीर भाजपा ने कहा कि उनका असामयिक निधन पार्टी और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बड़ी क्षति है उनकी आत्मा को शांति मिले और ईश्वर उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक गुलाम अहमद मीर ने राणा की मौत पर दुख और शोक व्यक्त किया। इसके अलावा सज्जाद लोन, जुनैद मट्टू, सुनील शर्मा, तरुण चुग, शाम लाल शर्मा, चौधरी जुल्फिकार अली सहित अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी राणा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
देवेंद्र राणा पूर्व नौकरशाह राजिंदर सिंह राणा के बेटे और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई
1965 में जम्मू के डोडा जिले में एक डोगरा परिवार में जन्मे देवेंद्र राणा पूर्व नौकरशाह राजिंदर सिंह राणा के बेटे और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई थे। एनआईटी कुरुक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने व्यवसाय में कदम रखा और अपनी खुद की ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना की। उन्होंने करोड़ों रुपये के उद्यम जमकश व्हीकलडेज ग्रुप और एक केबल टीवी चैनल की शुरुआत की और खुद को जम्मू और कश्मीर में एक शीर्ष उद्यमी के रूप में स्थापित किया।
पहली बार राणा ने नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था
राणा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) से की जहां वह एक प्रमुख रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में प्रमुखता से उभरे और प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में जम्मू में पार्टी के आधार का विस्तार किया। उमर अब्दुल्ला के विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उन्होंने जम्मू में पार्टी की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जम्मू और कश्मीर विधानसभा के लिए अपनी पहली बार राणा ने नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा जो भाजपा का गढ़ है और भाजपा के जुगल किशोर शर्मा को हराकर एनसी के लिए इसे जीत लिया। इस जीत ने विविध मतदाता आधार से जुड़ने की उनकी क्षमता को रेखांकित किया।
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राणा जम्मू घोषणा के मुखर समर्थक बन गए थे
इससे पहले वह एमएलसी और 2009 से एनसी के प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके थे। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राणा जम्मू घोषणा के मुखर समर्थक बन गए। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने का आह्वान किया। उनका रुख अनुच्छेद 370 की बहाली और पूरे जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के लिए राज्य का दर्जा मांगने वाले गुपकार गठबंधन से अलग था। अक्टूबर 2021 में एनसी के साथ दो दशकों से अधिक समय के बाद राणा ने इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। जम्मू क्षेत्र में उनकी गहरी जड़ें और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंधों ने उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीति में विशेष रूप से भाजपा के लिए प्रमुख व्यक्ति बना दिया।