प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में बुधवार (20, अगस्त) को पोलैंड पहुंचे हैं। यह पिछले 45 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा भी है। इस दौरान पोलैंड के राजधानी वारसॉ एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा तब हो रही है, जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पौलेंड दौरे पर रहेंगे और इसके बाद वह 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे। पोलैंड पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने वारसॉ में जाम साहब ऑफ नवानगर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के मोंटे कैसिनो स्मारक का दौरा किया। पीएम मोदी ने वारसॉ में मोंटे कैसिनो स्मारक और कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी है, जो कि एक दूसरे के बगल में स्थित है। नवानगर में जाम साहब को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के वारसॉ में जाम साहब ऑफ नवानगर स्मारक का दौरा किया। उन्होंने यहां पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक जाम साहब दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी को समर्पित है, जो नवानगर (अब जामनगर) के पूर्व महाराजा थे। 1942 में महाराजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान USSR से लाए गए शरणार्थी पोलिश बच्चों के लिए जामनगर में पोलिश चिल्ड्रन कैंप की स्थापना की थी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मानवता और करुणा एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण विश्व की महत्वपूर्ण नींव हैं। वारसॉ में नवानगर मेमोरियल के जाम साहब जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जाडेजा के मानवीय योगदान पर प्रकाश डालते हैं, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बेघर हुए पोलिश बच्चों को आश्रय और देखभाल सुनिश्चित की। जाम साहब को पोलैंड में डोब्री महाराजा के नाम से याद किया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी वारसॉ में मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। मोंटे कैसिनो की लड़ाई द्वितीय विश्व युद्ध में 11 मई से 18 मई, 1944 तक लड़ी गई थी। पोलिश सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके कारण 923 पोलिश सैनिक मारे गए। वारसॉ में कोल्हापुर स्मारक पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रधानमंत्री ने इसके बारे में एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह स्मारक कोल्हापुर के महान शाही परिवार को एक श्रद्धांजलि है। यह शाही परिवार द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता के कारण विस्थापित पोलिश महिलाओं और बच्चों को आश्रय देने में सबसे आगे था। छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरित होकर, कोल्हापुर के महान शाही परिवार ने मानवता को हर चीज से ऊपर रखा और पोलिश महिलाओं और बच्चों के लिए सम्मान का जीवन सुनिश्चित किया। करुणा का यह कार्य पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की इन स्मारकों की यात्राएं भारत और पोलैंड के बीच आपसी सम्मान और साझा इतिहास में निहित स्थायी संबंधों को रेखांकित करती हैं।

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024