प्रतिक्रिया | Saturday, February 22, 2025

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छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती के अवसर पर आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो पोस्ट कर मराठा शूरवीर के मूल्यों को प्रेरणा का स्रोत बताया। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए शिवाजी महाराज की वीरता, न्यायप्रियता और समर्पण को याद किया। शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगल शासकों के खिलाफ वीरता पूर्वक युद्ध लड़े। उनकी शौर्यगाथा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी गई है। हर मराठा उनके नाम को गर्व से याद करता है। उनकी वीरता न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत मानी जाती है।

पीएम मोदी ने एक्स पर कहा

प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,

“मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी वीरता और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी, पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वह हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।”

हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं

एक्स पर साझा किए गए वीडियो में पीएम मोदी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण करते दिख रहे हैं। उन्होंने वीडियो में कहा, “मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज, ये सिर्फ नाम नहीं है, ये शब्द राजा महाराजा, राजपुरुष मात्र नहीं है। हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। हमारे लिए हमारे आराध्य देव से बड़ा कुछ नहीं होता है। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, विचारधारा और न्यायप्रियता ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनकी साहसिक कार्यशैली, सामरिक कौशल और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रणाली आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। हमें इस बात का गर्व है कि दुनिया के कई देशों में आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज की नीतियों की चर्चा होती है और उस पर शोध होता है। इतने वर्ष बाद भी उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं। इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमें अमृत काल की पच्चीस वर्षों की यात्रा पूरी करनी है। यह यात्रा होगी छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने में। यह यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्मनिर्भरता की। यह यात्रा होगी विकसित भारत की। मैं छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि कोटि नमन करता हूं।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर छत्रपति शिवाजी महाराज के अदम्य साहस को प्रणाम करते हुए लिखा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। उनके बेजोड़ साहस, न्याय के प्रति समर्पण और जन कल्याण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता आज भी हम सभी को प्रेरित करती है। शिवाजी महाराज की निस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प की धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और शांति की राह प्रशस्त करेगी।”

अमित शाह ने कहा- अद्वितीय साहस के प्रतीक, छत्रपति शिवाजी महाराज जी को कोटिशः नमन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सनातन के ध्वज वाहक को याद करते हुए एक्स पर लिखा, “हिंदवी स्वराज्य का उद्घोष करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जीवन नीति, कर्त्तव्य और धर्मपरायणता का संगम था। कट्टरपंथी आक्रांताओं के विरुद्ध जीवनपर्यंत संघर्ष कर सनातन स्वाभिमान के धर्म ध्वज रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज जी एक राष्ट्रनिर्माता के तौर पर सदैव स्मरणीय रहेंगे। शिव जयंती के अवसर पर अद्वितीय साहस के प्रतीक, छत्रपति शिवाजी महाराज जी को कोटिशः नमन।”

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर लिखा

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर लिखा, “आइए शिवनेरी चलें और हमारे श्री छत्रपति शिवाजी के दर्शन करें! श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर शिवनेरी किला, ताल. जुन्नार, जिला. आइए पुणे में शिवाजी को श्रद्धांजलि अर्पित करें!!!”

योगी आदित्यनाथ ने उनके त्यागमय जीवन को प्रेरणास्पद बताया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके त्यागमय जीवन को प्रेरणास्पद बताया। एक्स पर लिखा कि भारत की आस्था और अस्मिता के रक्षक, ‘हिंदवी स्वराज’ के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! धर्म, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनका त्यागमय जीवन हम सभी को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

हर मराठा शिवाजी महाराज के नाम को गर्व से याद करता है

शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और मुगल शासकों के खिलाफ वीरता पूर्वक युद्ध लड़े। उनकी शौर्यगाथा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी गई है। हर मराठा उनके नाम को गर्व से याद करता है। उनकी वीरता न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत मानी जाती है।

शिवाजी महाराज एक कुशल प्रशासक, साहसी योद्धा और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखकर मुगलों को परास्त करने का संकल्प लिया। 19 फरवरी 1630 में जन्मे शिवाजी ने अपने जीवन भर मुगलों से लोहा लिया। उनका लक्ष्य था कि अपने राष्ट्र को मुगलों के नियंत्रण से मुक्त कराएं और उसे शक्तिशाली बनाएं।

 

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आखरी अपडेट: 22nd Feb 2025