प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (बुधवार) ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को उनकी जयंती पर याद किया है। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस पूर्वी राज्य के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बीजू बाबू को उनकी जयंती पर याद करते हुए हम ओडिशा के विकास और लोगों को सशक्त बनाने में उनके योगदान को स्मरण करते हैं। वे लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति भी पूरी तरह प्रतिबद्ध थे और उन्होंने आपातकाल का कड़ा विरोध किया था।”
ओडिशा के गंजम में 5 मार्च 1916 को लक्ष्मीनारायण पटनायक और आशालता देवी के घर जन्मे बीजू ने प्राथमिक शिक्षा मिशन प्राइमरी स्कूल और मिशन क्राइस्ट कॉलेजिएट कटक से पूरी की। 1927 में वह रेवेनशॉ विद्यालय चले गए, जहां एक समय पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भी अध्ययन किया था। वह अपने कॉलेज के दिनों में प्रतिभावान खिलाड़ी थे और यूनिवर्सिटी की फुटबॉल, हॉकी और एथलेटिक्स टीम का नेतृत्व करते थे।
बीजू पटनायक एक ऐसे राजनेता थे, जिन्हें स्कूल के समय से ही रोमांच पसंद था। बड़े हुए तो पायलट बने। जिन्होंने दो देशों के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में अपनी जान की बाजी तक लगा दी।
आजाद भारत में राजनीति में सक्रिय हुए तो दो बार मुख्यमंत्री और एक बार केंद्रीय मंत्री के पद तक पहुंचे। 17 अप्रैल 1997 को उनका निधन हो गया, 19 अप्रैल 1997 को उनकी अंतिम यात्रा निकल रही थी तो उन्हें तीन देशों के राष्ट्र ध्वज को उनके पार्थिव शरीर पर लपेटा गया था।
देश बीजू पटनायक को आधुनिक ओडिशा के निर्माता के तौर पर जानता है।