प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (गुरुवार) उत्तराखंड के दौरे पर हैं। पीएम मोदी सुबह जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। उन्होंने मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन निवास पर पूजा-अर्चना की। पीएम मोदी ने मुखवा में बर्फ से ढके पहाड़ों की मनमोहक सुंदरता का भी आनंद लिया और वहां के लोगों का अभिवादन किया।
आपको बता दें, मुखवा मां गंगा का शीतकालीन प्रवास व पूजा स्थल है, इसे मुखीमठ भी कहा जाता है। यह मां गंगा की शीतकालीन राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। समुद्रतल से 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित मुखवा को शीतकालीन प्रवास स्थल होने के कारण गंगा का मायका भी कहा जाता है।
दरअसल प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते जनवरी में दिल्ली दौरे के दौरान पीएम को शीतकालीन यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया था। इसके बाद जब पीएम 28 जनवरी को 38वें नेशनल गेम्स के उद्घाटन के लिए उत्तराखंड आए तो जल्द ही शीतकालीन यात्रा पर आने का वायदा किया था।
आज सुबह पीएम मोदी मुखवा में स्थित मुखीमठ में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल पर पूजा-अर्चना की। इसके बाद यहां उन्होंने स्थानीय कलाकारों के साथ समय बिताया और मखुवा में पारंपरिक लोक नृत्य का आनंद लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मुखवा में बर्फ से ढके पहाड़ों की मनमोहक सुंदरता का भी आनंद लिया और वहां के लोगों का अभिवादन किया।
वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मुखीमठ (मुखवा) को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण है। सीएम धामी ने कहा, “मुखवा में इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनकर हम सभी गौरवान्वित हैं। राज्य के सभी लोगों की ओर से यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा पर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन।”
प्रधानमंत्री मोदी हर्षिल पहुंचकर उत्तराखंड शीतकालीन पर्यटन और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी देखेंगे। इसके बाद जादुंग व पीडीए के लिए मोटर बाइक व एटीवी-आरटीवी रैलियों तथा जनकताल एवं मुलिंगला के लिए ट्रैकिंग अभियानों को झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे। हर्षिल में एक सार्वजनिक समारोह में सभा को संबोधित करेंगे।
अपनी यात्रा से पहले, पीएम मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य में पर्यटन के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की हैं।
उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम शुरू किया है। हजारों श्रद्धालु पहले ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के शीतकालीन स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था, होमस्टे, पर्यटन व्यवसाय आदि को बढ़ावा देना है। (ANI)