आपका प्यार, आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहता है।
‘भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं’
उन्होंने कहा, हम सिर्फ मदर ऑफ डेमोक्रेसी (Mother of Democracy) नहीं हैं, बल्कि डेमोक्रेसी (democracy) हमारी लाइफ का हिस्सा है। हमें डाइवर्सिटी (diversity) सिखानी नहीं पड़ती, हमारा जीवन ही डाइवर्सिटी (diversity) से चलता है। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के नियम और परंपरा का सम्मान करते हैं। हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं। इस सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है।
‘दुनिया का हर नेता अपने देश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की तारीफ करता है’
पीएम ने कहा, पिछले 10 सालों में मैं दुनिया के कई नेताओं से मिला हूं। दुनिया का हर नेता अपने देश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की तारीफ करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप उनके समाज में सामाजिक मूल्य जोड़ते हैं। हम सिर्फ लोकतंत्र की जननी नहीं हैं, हम लोकतंत्र का हिस्सा हैं। हम विविधता नहीं सिखाते, हमारा जीवन विविधता पर चलता है। इसलिए भारतीय जहां भी जाते हैं, समाज से जुड़ जाते हैं।
‘भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है’
पीएम मोदी ने कहा, भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है। आज जब भारत का चंद्रयान शिव शक्ति प्वाइंट पर पहुंचता है, तो हम सब को गर्व होता है। आज जब दुनिया, डिजिटल इंडिया की ताकत देखकर हैरान होती है, तो हम सब को गर्व होता है। आज भारत का हर सेक्टर आसमान की ऊंचाई छूने को आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, 21वीं सदी का भारत, आज जिस गति से आगे बढ़ रहा है। जिस स्केल पर आज भारत में डेवलपमेंट के काम हो रहे हैं, वो अभूतपूर्व है। भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत, अपना पॉइंट तो स्ट्रॉन्ग्ली रखता ही है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उठाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मात्र 10 वर्षों में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। मात्र 10 वर्षों में भारत दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वह दिन दूर नहीं जब भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत की सफलता को दुनिया देख रही है। जब चंद्रयान शिव शक्ति बिंदु पर पहुंचता है तो हमें गर्व होता है। दुनिया भारत की डिजिटल शक्ति से चकित है और हमें गर्व होता है।
वहीं इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि हर दो साल में आयोजित होने वाला यह समारोह पारिवारिक पुनर्मिलन जैसा है। विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने देश में हो रहे प्रगति और विकास को स्वयं देख पाते हैं। उन्होंने कहा कि यह समारोह हमें अपने प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और एक-दूसरे के साथ बातचीत का मंच है। उन्होंने कहा कि प्रवासी समुदाय हर गुजरते साल के साथ और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत में हम जिन जन-केंद्रित बदलावों को बढ़ावा देते हैं, उनसे प्रवासी समुदाय को भी लाभ होता है।
संस्कृतियों और ऐतिहासिक उत्कृष्टता का एक समग्र केंद्र
उधर, राज्य के मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि ओडिशा राज्य विविध संस्कृतियों और ऐतिहासिक उत्कृष्टता का एक समग्र केंद्र है। ओडिशी भारत के सबसे पुराने शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है। पट्टचित्र की जटिल कला दुनिया को मंत्रमुग्ध करती है। संबलपुर के विश्व प्रसिद्ध हथकरघा कपड़े हमारी सबसे प्रिय और जीवंत परंपराओं में से एक हैं। विरासत से परे, ओडिशा प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ मंच पर ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के उप-मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव आदि मौजूद थे।