प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वियनतियाने में लाओ पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी (एलपीआरपी) की केंद्रीय समिति के महासचिव और लाओ पीडीआर के राष्ट्रपति महामहिम थोंगलाउन सिसोउलिथ से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिए राष्ट्रपति सिसोउलिथ को बधाई दी।
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत-लाओस समकालीन साझेदारी सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों से जुड़ी है और इसकी जड़ें काफी गहरी हैं।
उन्होंने दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी, विरासत संरक्षण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में जारी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने लाओस और भारत के बीच संबंधों को गति प्रदान करने में भारत की एक्ट ईस्ट नीति की प्रमुखता को रेखांकित करते हुए कहा कि 2024 में इसका एक दशक पूरा होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच सभ्यतागत संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि नई नालंदा यूनिवर्सिटी असीम अवसरों को प्रस्तुत करती है और इसके जरिए दोनों देशो के लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। राष्ट्रपति सिसोउलिथ ने चक्रवाती तूफान यागी के कारण आई बाढ़ के मद्देनजर लाओ पीडीआर को भारत की ओर से दी गई मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करने के लिए लाओस के समर्थन के लिए राष्ट्रपति सिसोउलिथ को धन्यवाद दिया। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।