प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट से पहले गुरुवार को नई दिल्ली में देश के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मुलाकात की। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी भी मौजूद रहे। भारत के आर्थिक विकास और विभिन्न नीतियों को देखते हुए और तमाम अर्थशास्त्रियों से पीएम मोदी की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
देश की आर्थिक दिशा को आकार देने के उद्देश्य से की गहन चर्चा
इस बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए देश की आर्थिक दिशा को आकार देने के उद्देश्य से गहन चर्चा की गई। यह बजट विशेष महत्व रखता है। दरअसल, यह पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार के तीसरे कार्यकाल (मोदी 3.0) के तहत पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज रहने वाला है। इसमें भारत के विकास के लिए एक रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार किए जाने की उम्मीद है, जिसका लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री कर चुकीं हैं पूर्व-बजट परामर्श बैठकें
बताना चाहेंगे इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय में 19 जून 2024 से केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए पूर्व-बजट परामर्श भी शुरू हुआ था जो 5 जुलाई को समाप्त हुआ। व्यक्तिगत परामर्श के दौरान, 10 हितधारक समूहों में 120 से अधिक आमंत्रित लोगों ने बैठकों में भाग लिया, जिनमें किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे; ट्रेड यूनियन; शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र; रोजगार और कौशल; एमएसएमई; व्यापार और सेवाएं; उद्योग; अर्थशास्त्री; वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार; साथ ही बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और शहरी क्षेत्र ने भी बैठकों में भाग लिया।
इनके अलावा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी; वित्त सचिव और व्यय सचिव, डॉ टीवी सोमनाथन राजस्व विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा; कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज गोविल, संबंधित मंत्रालयों के सचिव, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन और वित्त मंत्रालय तथा संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी संबंधित बैठकों में मौजूद थे।
परामर्श बैठकों के दौरान मिले बहुमूल्य सुझाव
परामर्श के दौरान, वित्त मंत्री सीतारमण ने बहुमूल्य सुझाव साझा करने के लिए प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया और विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि केंद्रीय बजट 2024-25 तैयार करते समय उनके सुझावों की सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी और उन पर विचार किया जाएगा। चूंकि भारत एक जटिल वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में आगे बढ़ रहा है, इसलिए आगामी बजट में देश के आर्थिक लचीलेपन को मजबूत करने, नवाचार को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य तत्काल आर्थिक जरूरतों और दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के बीच संतुलन बनाना है, जिससे मजबूत और निरंतर विकास के लिए मंच तैयार हो सके। (इनपुट-एएनआई)