प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जनभागीदारी’ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम पहले से जारी जलशक्ति अभियान–कैच द रेन के अनुरूप है, जिससे दीर्घावधि जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के पीएम मोदी के सामूहिक जल प्रबंधन के दृष्टिकोण को बल मिलेगा।
जल संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल
ऐसे में जल संरक्षण की दिशा में यह बड़ी पहल होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने समारोह की पूर्व संध्या पर विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी साझा की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी आज सुबह एक्स हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम को साझा किया है।
क्या है इस पहल का उद्देश्य ?
यह पहल प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है। इसका उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व पर जोर देते हुए जल संरक्षण करना है। यह पूरे समाज और पूरी सरकार के दृष्टिकोण से संचालित है। गुजरात सरकार के प्रयासों की सफलता के मद्देनजर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय गुजरात में जल संचय जनभागीदारी पहल शुरू कर रहा है। गुजरात सरकार ने जल सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों, स्थानीय निकायों, उद्योगों और अन्य हितधारकों को संगठित करने का प्रयास किया है।
गुजरात में 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का किया जा रहा निर्माण
सामुदायिक भागीदारी से समूचे गुजरात में लगभग 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। ये पुनर्भरण संरचनाएं वर्षा जल संचयन को बढ़ाने और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक होंगी।
आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी जल भविष्य होगा सुनिश्चित
“जल संचय जनभागीदारी” का शुभारंभ जल सुरक्षा की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सामुदायिक भागीदारी और सीएसआर फंडिंग की शक्ति का उपयोग करके, यह पहल देश भर में जल संरक्षण प्रयासों के लिए एक नया मानक स्थापित करने के लिए तैयार है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल भविष्य सुनिश्चित होगा।
ज्ञात हो, पीएम मोदी द्वारा अपने मन की बात भाषण में जल संचय पर दिए गए जोर से प्रेरित होकर, वर्ष 2019 में देश के 256 जल संकटग्रस्त जिलों के 2,836 ब्लॉकों में से 1,592 ब्लॉकों में जल शक्ति अभियान (जेएसए) शुरू किया गया था। कोविड महामारी के कारण 2020 में जेएसए शुरू नहीं किया जा सका। वर्ष 2021 में, प्रधानमंत्री द्वारा ‘कैच द रेन’ अभियान को शामिल करते हुए देशभर के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) के सभी ब्लॉकों को कवर करने के लिए “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” (जेएसए: सीटीआर) शुरू किया गया था। “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन” अभियान अब एक वार्षिक विशेषता बन गया है और जेएसए का पांचवां संस्करण 09 मार्च 2024 को मुख्य थीम “नारी शक्ति से जल शक्ति” के साथ शुरू किया गया था।