प्रतिक्रिया | Tuesday, April 01, 2025

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तीन अप्रैल से थाईलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी, बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के छठवें संस्करण में शामिल होने के लिए 3 अप्रैल से थाईलैंड के बैंकॉक की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर हो रही है। पीएम मोदी तीसरी बार थाईलैंड की यात्रा करेंगे। इस दौरान, बिम्सटेक नेताओं से सहयोग बढ़ाने के लिए उपायों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है।

इसके बाद श्रीलंका जाएंगे पीएम मोदी

वहीं इस यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के निमंत्रण पर 4 अप्रैल से तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ सहयोग के क्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।

अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं के साथ बैठकों में भाग लेंगे। पीएम मोदी भारतीय वित्तीय सहायता से कार्यान्वित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए अनुराधापुरा जाएंगे।

वर्तमान में बिम्सटेक की अध्यक्षता कर रहा है थाईलैंड

इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “थाईलैंड के प्रधानमंत्री महामहिम पैटोंगटार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अप्रैल 2025 को आयोजित होने वाले छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 3 से 4 अप्रैल 2025 तक बैंकॉक, थाईलैंड का दौरा करेंगे, जिसकी मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष थाईलैंड द्वारा की जाएगी और यह एक आधिकारिक यात्रा होगी। यह प्रधानमंत्री की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।” 

छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का विषय 

2018 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद यह बिम्सटेक नेताओं की पहली भौतिक बैठक होगी। कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन 22 मार्च को वर्चुअली आयोजित किया गया था। इस बार छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का विषय “बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और खुला” रखा गया है। 

शिखर सम्मेलन के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद ?

शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं से बिम्सटेक सहयोग में अधिक गति लाने के तरीकों और साधनों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “नेताओं से बिम्सटेक ढांचे के भीतर सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थान और क्षमता निर्माण उपायों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।” इसमें कहा गया है, “भारत क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है, जिसमें सुरक्षा बढ़ाना, व्यापार और निवेश को सुविधाजनक बनाना, भौतिक, समुद्री और डिजिटल संपर्क स्थापित करना, खाद्य, ऊर्जा, जलवायु और मानव सुरक्षा में सहयोग करना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देना और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।” 

पीएम मोदी 3 अप्रैल को अपने थाईलैंड के समकक्ष के साथ करेंगे बैठक  

अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी 3 अप्रैल को अपने थाईलैंड के समकक्ष पैटोंगटार्न शिनावात्रा के साथ बैठक करने वाले हैं। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं से द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने और देशों के बीच भविष्य की साझेदारी का रास्ता तैयार करने की उम्मीद है। भारत और थाईलैंड साझा सभ्यतागत बंधन वाले समुद्री पड़ोसी हैं जो सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक संबंधों से जुड़े हैं। 

4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका जाएंगे पीएम मोदी 

थाईलैंड की अपनी यात्रा के समापन के बाद, पीएम मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल 2025 तक राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। यात्रा के दौरान, पीएम मोदी श्रीलंकाई राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए “साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने” के संयुक्त विजन में सहमत सहयोग के क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए दिसानायका के साथ चर्चा करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे। 

इससे पहले 2019 में श्रीलंका गए थे पीएम मोदी

यात्रा के हिस्से के रूप में, वह भारतीय वित्तीय सहायता से कार्यान्वित विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए अनुराधापुरा भी जाएंगे। पीएम मोदी की श्रीलंका की आखिरी यात्रा 2019 में हुई थी। इससे पहले, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में भारत की राजकीय यात्रा की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की थाईलैंड, श्रीलंका यात्रा और बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी भारत की ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी। 

इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत और श्रीलंका मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के साथ सभ्यतागत बंधन साझा करते हैं। यह यात्रा देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय जुड़ाव का हिस्सा है और भारत और श्रीलंका के बीच बहुआयामी साझेदारी को और गहरा करने के लिए और गति प्रदान करेगी।” “प्रधानमंत्री की थाईलैंड और श्रीलंका यात्रा और छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टि और हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।” 

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आखरी अपडेट: 1st Apr 2025