प्रतिक्रिया | Wednesday, November 27, 2024

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर यह समारोह सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित किया जाएगा। भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने समारोह की पूर्व संध्या पर जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। 

सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में होगा समारोह

पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, समारोह में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री शाम करीब पांच बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंचेंगे। समारोह सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में होगा। प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट (2023-24) जारी करेंगे। साथ ही उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। देश की सबसे बड़ी अदालत के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायमूर्ति भी उपस्थित रहेंगे।

दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन में तैयार हुआ संविधान

देश में हर साल संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। इसी तारीख को 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था। 15 अगस्त, 1947 को आजादी के बाद संविधान की आवश्यकता को महसूस किया गया। संविधान तैयार करने में दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन का वक्त लगा। भारत गणराज्य का संविधान 26 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हुआ। इसे आधिकारिक तौर पर लागू 26 जनवरी, 1950 को किया। इसीलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।

इसलिए मनाया जाता है 26 नवंबर को संविधान दिवस

26 नवंबर को संविधान को अनधिकृत तौर पर इसलिए लागू किया गया, क्योंकि इस दिन संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ. सर हरिसिंह गौर का जन्म हुआ था। पहली बार संविधान दिवस 2015 से मनाया गया।तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

जानिए, 2015 से ही शुरुआत क्यों

2015 में संविधान दिवस मनाने की शुरुआत होने की भी एक बड़ी वजह है। वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती थी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए इस वर्ष से संविधान दिवस मनाने का फैसला लिया। इस दिवस को मनाने का प्रमुख मकसद संविधान के महत्व और डॉ. आंबेडकर के विचारों को फैलाना है। भारतीय संविधान के निर्माण का श्रेय डॉ. आंबेडकर को दिया जाता है। वो संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। संविधान सभा में 389 सदस्य थे और डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे।

दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान

भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। भारतीय संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों तरह का है। हमारे संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी जिक्र है। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

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आखरी अपडेट: 27th Nov 2024