“सबका साथ, सबका विकास” के दृष्टिकोण के साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वाइब्रेंट इंडिया के लिए पीएम युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना (पीएम-यशस्वी) लागू की है। इस व्यापक योजना का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) और विमुक्त जनजातियों (डीएनटी) के छात्रों को उनके प्रारंभिक वर्षों के दौरान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्रदान करके उनका उत्थान करना है।
पीएम यशस्वी योजना कई पहले की पहलों को समेकित और संवर्धित करती है।
इसमें ईबीसी के लिए डॉ. अंबेडकर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना और डीएनटी के लिए डॉ. अंबेडकर प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शामिल है। इन्हें 2021-22 से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किया गया था। इन योजनाओं को एकीकृत करके पीएम यशस्वी का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए एक सुव्यवस्थित और प्रभावशाली दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है।
योजना का व्यापक लक्ष्य इन कमजोर समूहों के बीच शैक्षिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। जिससे उन्हें वित्तीय बाधाओं को दूर करने और अपनी शिक्षा पूरी करने में मदद मिल सके। यह पहल न केवल व्यक्तिगत शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देती है बल्कि अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज बनाने के व्यापक दृष्टिकोण में भी योगदान देती है।
योजना के अंतर्गत छात्र कक्षा 9 से 10 तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और पोस्ट-मैट्रिकुलेशन या पोस्ट-सेकेंडरी स्तर पर अपने उच्च अध्ययन के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ‘टॉप क्लास स्कूल एजुकेशन’ और ‘टॉप क्लास कॉलेज एजुकेशन’ की योजना के अंतर्गत टॉप क्लास स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिलती है। ‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास निर्माण योजना’ के अंतर्गत ओबीसी छात्रों को छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
पीएम-यशस्वी योजना ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए तैयार की गई है। इसमें निम्नलिखित पांच उप-योजनाएं हैं:
ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति
ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए टॉप क्लास स्कूली शिक्षा
ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए टॉप क्लास कॉलेज शिक्षा
ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास का निर्माण
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए तैयार की गई है। यह ढाई लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों को 4,000 रुपये का वार्षिक शैक्षणिक भत्ता प्रदान करती है।
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में इसके क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 32 करोड़ 44 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की सहायता करती है। इसमें पाठ्यक्रम की श्रेणी के आधार पर 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक शैक्षणिक भत्ते प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के लिए चालू वर्ष में 387 करोड़ 27 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त टॉप क्लास स्कूल और कॉलेज शिक्षा योजनाएं ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों के मेधावी छात्रों का समर्थन करने के लिए तैयार की गई हैं। ये कार्यक्रम ट्यूशन फीस, छात्रावास खर्च और अन्य शैक्षणिक लागतों को शामिल करते हैं। स्कूली छात्र (कक्षा 9-12) सालाना सवा लाख रुपये तक के वित्तपोषण के लिए पात्र हैं। शीर्ष संस्थानों में कॉलेज के छात्रों को ट्यूशन, रहने का खर्च और शैक्षिक सामग्री सहित पूर्ण वित्तीय सहायता मिलती है।
शिक्षा तक पहुंच को और बढ़ाने के लिए ‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावासों का निर्माण’ योजना के तहत 2023-24 में 12.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसका उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े छात्रों को सरकारी स्कूलों और संस्थानों के निकट आवास उपलब्ध कराना है। जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सके।
पीएम यशस्वी समावेशिता, समानता और सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देने के सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है। ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों के छात्रों को व्यापक सहायता प्रदान करके, यह उन बाधाओं को हटाता है जो कई लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंचने से रोकती हैं। यह पहल न केवल वित्तीय सहायता सुनिश्चित करती है बल्कि समाज के कुछ सबसे कमजोर वर्गों के लिए शैक्षिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देती है, जिससे गतिशीलता और आत्मनिर्भरता के अवसर तैयार होते हैं।
स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर छात्रों को समर्थन देने पर योजना का ध्यान कम उम्र से ही प्रतिभा को पोषित करने और उसे उच्च शिक्षा तक ले जाने में मदद करता है। इससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी जाती है। इसके अलावा पहले की छात्रवृत्ति पहलों को एक एकल, सुव्यवस्थित कार्यक्रम में एकीकृत करके, पीएम यशस्वी इन प्रयासों के प्रभाव को बढ़ाता है और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली के निर्माण में योगदान भी देता है।
पीएम-यशस्वी यह सुनिश्चित कर रहा है कि शैक्षणिक और सामाजिक प्रगति की खोज में कोई भी छात्र पीछे न छूटे। यह योजना हाशिए पर पड़े समुदायों के कल्याण और उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इससे वे 2047 तक विकसित भारत के विजन में सार्थक योगदान दे पा रहे हैं।
पीएम यशस्वी (वाइब्रेंट इंडिया के लिए युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना) ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) और विमुक्त जनजातियों (डीएनटी) के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 193.83 करोड़ रुपये की पर्याप्त राशि आवंटित की गई।
इससे 2023-24 के दौरान 19.86 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा और 2023-24 के लिए और लाभार्थियों के आने की उम्मीद है। इसी तरह पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 988.05 करोड़ जारी किए गए, जिससे 2023-24 में 27.97 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा। इन छात्रवृत्तियों का उद्देश्य वित्तीय बोझ को कम करके वंचित छात्रों को सशक्त बनाना है। इससे हाशिए के समुदायों में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अतिरिक्त सरकार ने अन्य शैक्षिक सहायता पहलों में निवेश किया है। 2023-24 में 1146 छात्रों को समायोजित करने वाले छात्रावासों के निर्माण के लिए 14.30 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उच्च श्रेणी के शिक्षा कार्यक्रमों और विदेश में अध्ययन के ब्याज सब्सिडी में भी महत्वपूर्ण वित्त पोषण हुआ है, जो हजारों छात्रों तक पहुंचा है।
उदाहरण के लिए कॉलेज योजना में शीर्ष श्रेणी की शिक्षा में 4762 छात्रों का समर्थन करने के लिए 111.18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए स्कूलों में शीर्ष श्रेणी की शिक्षा में 2602 छात्रों का समर्थन करने के लिए 6.55 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। ये प्रयास पीएम यशस्वी योजना के बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हैं, जो वंचित छात्रों के लिए शैक्षिक परिदृश्य को बदल रहा है। उन्हें अपनी शैक्षणिक क्षमता हासिल करने में सक्षम बना रहा है और समग्र सामाजिक उत्थान में योगदान दे रहा है।
आवेदन पत्र में निर्दिष्ट कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज
चयन प्रक्रिया:
यशस्वी प्रवेश परीक्षा 2023 उम्मीदवार चयन का आधार है, जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के निर्देशन में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाती है। पात्रता: ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए खुला है, जिनकी कुल वार्षिक पारिवारिक आय ढाई लाख रुपये तक है। विशिष्ट छात्रवृत्ति योजना के आधार पर अतिरिक्त पात्रता मानदंड लागू हो सकते हैं।
कहां आवेदन करें:
पात्र छात्र राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: scholarships.gov.in.पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।छात्रवृत्ति और सहायता कार्यक्रमों की एक व्यापक श्रृंखला की पेशकश करके, पीएम-यशस्वी उन वित्तीय बाधाओं को दूर कर रहा है जो अक्सर हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए शिक्षा तक पहुंच में बाधा डालती हैं। विभिन्न पिछली योजनाओं को एक सुव्यवस्थित पहल में एकीकृत करने से यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों को उनके स्कूली वर्षों से लेकर उच्च शिक्षा तक सहायता मिलती है।
इससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए मार्ग प्रशस्त होते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता के साथ, पीएम यशस्वी योजना हज़ारों छात्रों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही है। इससे एक अधिक समावेशी और समृद्ध भारत बनाने में मदद मिल रही है।