जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को सोमवार को अस्थाई स्पीकर मुबारक गुल ने शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी भाषा में शपथ ली। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जम्मू-कश्मीर की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने छह विधायकों के साथ सरकार को बाहर से समर्थन दिया है। सरकार को पांच निर्दलीय विधायकों, आप के एक विधायक और माकपा ने भी अपना समर्थन दिया है। 29 सीटों के साथ भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। जम्मू-कश्मीर में यह उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
सदन के नेता 54 वर्षीय उमर अब्दुल्ला शपथ लेने वाले पहले विधायक थे। फारूक अब्दुल्ला और उनकी ब्रिटिश पत्नी मोली अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला को अक्सर अपनी मातृभाषा नहीं बोल पाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था। अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के राजनेता अंग्रेजी में धाराप्रवाह हैं लेकिन 1990 के दशक के अंत में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में हिंदी, उर्दू और कश्मीरी जैसी स्थानीय भाषाओं में उनका प्रवाह खराब था। हालांकि, 2009 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान उमर अब्दुल्ला ने इन तीन भाषाओं में अपने बोलने के कौशल को सुधारने के लिए सबक लिया और सोमवार को उन्होंने कश्मीरी में विधायक के रूप में शपथ ली।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने अंग्रेजी में शपथ ली। विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही छह साल से चल रहा विधायी अंतराल खत्म हो गया।किश्तवाड़ से भाजपा विधायक शगुन परिहार सहित 51 पहली बार विधायक बने हैं, जो 29 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की सदस्य हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज और चरार-ए-शरीफ से विधायक अब्दुल रहीम राठेर 80 साल की उम्र के सबसे बुजुर्ग हैं। राठेर और पार्टी के सहयोगी अली मोहम्मद सागर (खानयार से विधायक) रिकॉर्ड सात बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं। सागर 1983 से विधानसभा के सदस्य हैं, वहीं राठेर ने 1977 में विधायक के रूप में अपना लंबा कार्यकाल शुरू किया था।(H.S)