प्रयागराज अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (Additional Commissioner of Police) ने शुक्रवार को 28 फरवरी तक पूरे जिले में निषेधाज्ञा आदेश पारित किया गया है। घोषणा में कहा गया है कि आने वाले दिनों में विभिन्न धर्मों/संप्रदायों के त्योहार जैसे महाकुंभ 2025/अमृत स्नान, जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्म दिवस, गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, संत रविदास जयंती, माघी पूर्णिमा, वेलेंटाइन डे, शब- ई-बारात, महाशिवरात्रि, अन्य त्योहार और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। एसीपी ने कहा कि जिले में उक्त त्यौहारों के दृष्टिगत शांति व्यवस्था बनाये रखने की नितांत आवश्यकता है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “विभिन्न धर्मों/संप्रदायों के त्यौहारों तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जनहित में असामाजिक तत्वों के सभी प्रयासों को रोकना आवश्यक है।” अतः स्थिति की नजाकत को देखते हुए दूसरे पक्ष/पक्षों को सुने अथवा नोटिस दिए बिना पारित एकतरफा आदेश के लिए पर्याप्त कारण प्रस्तुत किया गया है।
एसीपी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर, मुझे विश्वास है कि असामाजिक तत्वों द्वारा कानून में व्यवधान पैदा करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता को देखते हुए एवं जिले में उक्त त्यौहारों के दृष्टिगत शांति व्यवस्था बनाये रखने की नितांत आवश्यकता है।
गौरतलब हो, सम्पूर्ण कमिश्नरेट प्रयागराज में निषेधाज्ञा 16 जनवरी से 28 फरवरी तक प्रभावी रहेगी।
आदेश की विशिष्टताएं इस प्रकार हैं-
1. कोई भी व्यक्ति सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का आयोजन, जुलूस, शोभायात्रा, अनशन, धरना, प्रदर्शन आदि आयोजित नहीं करेगा, न ही सड़क अवरुद्ध करेगा और न ही किसी को ऐसा करने के लिए उकसाएगा, न ही बिना पूर्व अनुमति के किसी आयोजन में एकत्रित होने के लिए कोई प्रचार-प्रसार करेगा और न ही ऐसे किसी कार्यक्रम में भाग लेगा।
2. कोई भी व्यक्ति/संगठन/व्यक्तियों का समूह जिले में पुलिस चौकी धरना स्थल, सिविल लाइन्स थाना स्थित निर्धारित धरना स्थल (पत्थर चर्च के पास) के अलावा कहीं भी धरना-प्रदर्शन नहीं करेगा।
3. कोई भी व्यक्ति इस आदेश की अवधि में पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज के सम्पूर्ण क्षेत्रान्तर्गत परम्परागत धार्मिक आयोजनों के अवसर पर सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कहीं भी ड्रोन का प्रयोग नहीं करेगा। केवल पुलिस एवं प्रशासनिक कार्यों में प्रयुक्त ड्रोन ही इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे।
4. प्रयागराज कमिश्नरेट सीमान्तर्गत कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा (विकलांग/बुजुर्ग तथा सिख समुदाय के कृपाण धारण करने वालों को छोड़कर), कुल्हाड़ी, डंडा एवं किसी भी प्रकार का घातक हथियार या आग्नेयास्त्र लेकर नहीं चलेगा। केवल पुलिस एवं प्रशासनिक कर्मचारी एवं अधिकारी ही इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे। जनपद के समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों/परिसरों में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का हथियार या लाइसेंसी आग्नेयास्त्र लेकर प्रवेश नहीं करेगा।
5. कोई भी व्यक्ति किसी समुदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कोई भड़काऊ भाषण नहीं देगा और न ही कोई विज्ञापन/पर्चा प्रकाशित करेगा जिससे किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
6. कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से ऐसी अफवाह नहीं फैलाएगा जिससे शांति भंग हो या किसी अन्य समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे तथा न ही वह स्वयं कोई भ्रामक, भड़काऊ या संवेदनशील पोस्ट, लेख, फोटो आदि पोस्ट करेगा, न ही उसे फॉरवर्ड करेगा और न ही किसी के द्वारा ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
7. कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो/वीडियो कैसेट और सीडी नहीं बेचेगा, चलाएगा या प्रदर्शित नहीं करेगा जिससे आम जनता में भ्रम या तनाव पैदा हो। 8. कोई भी व्यक्ति किसी भी निजी या सरकारी संपत्ति को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाएगा।
9. कोई भी व्यक्ति औद्योगिक/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों आदि को जबरन बंद नहीं कराएगा। वह सरकारी कार्यालयों, कारखानों और मिलों आदि के सामान्य कामकाज में कोई व्यवधान नहीं डालेगा और न ही आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही या वितरण में कोई बाधा उत्पन्न करेगा और न ही किसी को ऐसा करने के लिए उकसाएगा।
10. कोई भी व्यक्ति यू.पी.आर.एस.पी.एन. की बसों व अन्य वाहनों को सार्वजनिक मार्ग पर चलने से नहीं रोकेगा और न ही किसी प्रकार के वाहनों को नुकसान पहुंचाएगा।
11. कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मार्ग में बाधा नहीं डालेगा और न ही यातायात में कोई बाधा उत्पन्न करेगा। ऐसा करने के लिए वह किसी को उकसाएगा भी नहीं।
आपको बता दें कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। अगले प्रमुख स्नान तिथियों में 29 जनवरी (मौनी अमावस्या- दूसरा अमृत स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी- तीसरा अमृत स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (मंगलवार) शामिल हैं।