वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की ओर से 1.29 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया गया, जो सालाना आधार पर 31.3% की बढ़ोतरी दर्शाता है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएसबी ने अब तक का उच्चतम कुल शुद्ध लाभ, बेहतर एसेट क्वालिटी, व्यापार में मजबूत बढ़ोतरी और पर्याप्त पूंजी बफर हासिल किया है।
वहीं, नीति और प्रक्रिया सुधारों की वजह से क्रेडिट अनुशासन, तनावग्रस्त एसेट की पहचान और समाधान, जिम्मेदार लेंडिंग, बेहतर प्रशासन, वित्तीय समावेशन पहल, प्रौद्योगिकी अपनाने आदि के लिए प्रणालियां और प्रक्रियाएं बेहतर हुई हैं।
आपको बता दें, मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन ने प्रमुख वित्तीय मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है। 31दिसंबर 2024 तक के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं –
- वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में 31.3% (वर्ष-दर-वर्ष) की रिकॉर्ड शुद्ध लाभ वृद्धि, 1,29,426 करोड़ रुपये का उच्चतम कुल शुद्ध लाभ और 2,20,243 करोड़ रुपये का कुल परिचालन लाभ प्राप्त हुआ।
- 0.59% के बेहद कम नेट एनपीए अनुपात (कुल शुद्ध बकाया एनपीए 61,252 करोड़ रुपये) के साथ एसेट क्वालिटी बेहतर दिखाई दे रही है।
- सकल व्यावसायिक वृद्धि 11.0% (वर्ष-दर-वर्ष) के साथ समग्र जमा वृद्धि 9.8% (वर्ष-दर-वर्ष) रही। पीएसबी का कुल कारोबार 242.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
- 16.6% की रिटेल क्रेडिट ग्रोथ, 12.9% की कृषि क्रेडिट ग्रोथ और 12.5% की एमएसएमई क्रेडिट ग्रोथ के चलते 12.4% की मजबूत क्रेडिट ग्रोथ हुई ।
- 14.83% के रिस्क वेटेड एसेट अनुपात वाली कुल पूंजी के साथ पर्याप्त पूंजी बफर्स का निर्माण हुआ, जो 11.5% की न्यूनतम आवश्यकता से काफी ऊपर है।
मंत्रालय ने बताया कि पीएसबी पर्याप्त रूप से पूंजीकृत हैं और कृषि, एमएसएमई और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर विशेष जोर देने के साथ अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों की क्रेडिट की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।