प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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देश में चालू खाता घाटे में आई कमी, विदेशी आयात पर निर्भरता हो रही कम

आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर मिली है। दरअसल, भारत का चालू खाता घाटा तीसरी तिमाही में कम हो गया है। अंग्रेजी में इसे करंट अकाउंट डेफिसिट के नाम से भी जाना जाता है। इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि भारत का चालू खाता घाटा अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में कम हो गया है।

व्यापार घाटे में कमी की वजह से चालू खाता घाटा हुआ कम

आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि व्यापार घाटे में कमी की वजह से चालू खाते का घाटा कम हुआ है। तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 10.5 बिलियन यानी कि जीडीपी का 1.2 फीसदी दर्ज किया गया था जबकि वित्त वर्ष-2024 दूसरी तिमाही में 11.4 बिलियन का घाटा दर्ज किया गया था जो 1.3 फीसदी था।

देश में विदेशी आयात पर निर्भरता हो रही है कम

चालू खाते से स्पष्ट है कि देश में विदेशी आयात पर निर्भरता कम हो रही है और निर्यात में इजाफा हो रहा है। जब किसी देश द्वारा आयात की जाने वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य उसके द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य से अधिक होता है तो इसे चालू खाते के घाटे की स्थिति कहते हैं।

आने वाले दिनों में होगी यह संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में चालू खाता घाटा जीडीपी के एक फीसदी के स्तर पर आ सकता है। आरबीआई के ताजा आंकड़ों में देश के चालू खाते के घाटे में कमी आई है। 2023-24 के अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में यह घटकर 10.5 अरब डॉलर पर आ गया। बताना चाहेंगे कि बीते साल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 16.8 अरब डॉलर हो गया।

यह चालू खाता घाटा बीते दो साल में सबसे कम

वहीं चालू खाते घाटे के ये आंकड़े सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 फीसदी की दर पर दर्ज किए गए हैं। रिजर्व बैंक के मुताबिक यह चालू खाता घाटा बीते दो साल में सबसे कम है। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 11.4 अरब डॉलर के स्तर पर था और बीते साल इसी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चालू खाता घाटा 16.8 अरब डॉलर था।

देश का सेवा क्षेत्र तेजी से कर रहा विकास

आरबीआई ने यह भी बताया कि सर्विस सेक्टर में भी खासा उत्साह बढ़ा देने वाली खबर आई। आरबीआई के ताजा आंकड़ों में सर्विसेज एक्सपोर्ट्स में 2 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। सॉफ्टवेयर, बिजनेस और ट्रैवल से जुड़ी सेवाओं में उछाल के कारण देश का सेवा क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है। रिजर्व बैंक ने बताया कि चालू खाते घाटे में आई उल्लेखनीय गिरावट के पीछे भी सेवा क्षेत्र की अहम भूमिका है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

केवल इतना ही नहीं, देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश में आने वाले विदेशी मुद्रा भंडार में 6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 11.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। दूसरी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 4.2 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह हुआ जो कि 2022-23 की तीसरी तिमाही के 2 अरब डॉलर के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है।

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024