बढ़ते तापमान और आग की घटनाओं के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। दरअसल, अस्पतालों में आग की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और स्वास्थ्य देखभाल संगठनों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्य स्वास्थ्य विभागों और लगभग 390 स्वास्थ्य देखभाल संगठनों के 15 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के बाद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में नियामक प्रोटोकॉल और अग्नि-सुरक्षा मानदंडों के सख्त अनुपालन की आवश्यकता दोहराई है।
अग्नि-सुरक्षा मानदंडों के सख्ती से अनुपालन की सलाह
सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अग्नि-सुरक्षा मानदंडों के सख्ती से अनुपालन की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में कुछ जगहों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। ये सब-इष्टतम (sub-optimal) विद्युत रखरखाव के कारण शॉर्ट-सर्किट और एयर-कंडीशनर और अन्य उपकरणों के उपयोग के कारण बिजली लाइनों के अधिभार का परिणाम हैं। अस्पतालों में आग के खतरों से जुड़े संभावित खतरों को देखते हुए यह जरूरी है कि आग को प्रभावी ढंग से रोकने, पता लगाने और प्रतिक्रिया देने के लिए सख्त प्रोटोकॉल और उपाय किए जाएं। एक मजबूत अग्नि सुरक्षा योजना स्थापित करने और अग्नि-निकासी और सुरक्षा अभ्यास आयोजित करने से न केवल नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित होगा बल्कि जीवन और संपत्ति की सुरक्षा भी होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अग्नि सुरक्षा मानदंडों से संबंधित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के सख्त अनुपालन और कठोर आवधिक मूल्यांकन की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और संस्थानों को पीडब्ल्यूडी और स्थानीय अग्निशमन विभागों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने की सलाह दी गई, ताकि समय पर अग्नि सुरक्षा एनओसी प्राप्त की जा सके।