प्रतिक्रिया | Saturday, December 14, 2024

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अमरनाथ यात्रा के लिए लिए पंजीकरण शुरू, 29 जून से आरंभ होगी यात्रा

श्री अमरनाथ मंदिर की वार्षिक यात्रा इस साल 29 जून से शुरू होगी। अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है। मान्यता है कि बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माती पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एस.ए.एस.बी.) की अधिकारिक वेबसाइट जेकेएसएएस बी. एनआईसी.इन (https://www.jksasb.nic.in/) पर जाकर पंजीकरण कर सकते है।

पंजीकरण हो रहा है शुरू

इस बारे में अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने रविवार को कहा कि श्री अमरनाथजी यात्रा 2024 29 जून, 2024 से शुरू होगी और 19 अगस्त, 2024 को समाप्त होगी। उल्लेखनीय है कि 50 दिवसीय यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी, जबकि पंजीकरण सोमवार, 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है। अमरनाथ यात्रा का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के संयुक्त सहयोग से किया जाता है।

भगवान शिव का रूप बर्फ से ही यहाँ प्रकट होता है

बात दें, अमरनाथ शिवलिंग को ‘बाबा बर्फानी’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान शिव का रूप बर्फ से ही यहाँ प्रकट होता है। ये एक स्वयंभू शिवलिंग है, अर्थात स्वयं प्रकट होने वाला। लिद्दर घाटी में स्थित इस गुफा के बारे में मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का ज्ञान दिया था। इस पवित्र बर्फ लिंगम के दर्शन करने के लिए, भक्त जून-अगस्त के महीनों में कश्मीर हिमालय में स्थित पवित्र गुफा तीर्थ की कठिन वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं।

हर साल आती है देश भर से लाखों भक्तों की भीड़

अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हर साल देश भर से लाखों भक्तों की भीड़ आती है। जुलाई और अगस्त के बीच दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए हर साल बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पहुंचते हैं। अमरनाथ गुफा 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है जो श्रीनगर से 140 किलोमीटर, पहलगाम से करीब 45-48 किलोमीटर और बालटाल से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमरनाथ यात्रा 2 मार्गों से होती है, एक मार्ग अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है, जबकि दूसरा गांदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है।

बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए की गाइडलाइंस जारी

बता दें कि श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसके तहत यात्रियों का पंजीकरण 15 अप्रैल से नामित पी. एन. बी, येस बैंक, एस.बी.आई और जम्मू-कश्मीर बैंक की देशभर में स्थित 540 शाखाओं में शुरू होगा। पर्याप्त मात्रा में ऊनी कपड़े अपने साथ रखें क्योंकि कभी-कभी तापमान अचानक 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर सकता है। छाता, विंड चीटर, रेनकोट और वॉटरप्रूफ जूते अवश्य साथ रखें क्योंकि यात्रा क्षेत्र में मौसम अप्रत्याशित है। इसके अतिरिक्त अपने सामान को भीगने से बचाने के लिए अपने कपड़े और खाने-पीने का सामान उपयुक्त वॉटर प्रूफ बैग में रखें। महिला यात्रियों के लिए कहा गया कि उन्हें यात्रा के दौरान साड़ी नहीं पहननी चाहिए। सलवार कमीज, पैंट-शर्ट या ट्रैक सूट पहनने की सलाह दी जाती है। 6 सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाओं को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार आपातकालीन प्रयोजनों के लिए अपनी जेब में एक नोट अवश्य रखें जिसमें उसी तिथि को दर्शन के लिए जाने वाले किसी भी यात्री का नाम/पता, मोबाइल टेलीफोन नंबर हो। अपना पहचान पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस और यात्रा परमिट अपने साथ अवश्य रखें। यात्रियों के लिए निर्देश है वे चेतावनी नोटिसों से चिह्नित स्थानों पर न रुकें। पटरियों पर ही चलें। गाइडलाइन्स और अन्य सम्बन्धित जानकारी के लिए श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के वेबसाइट को विजिट किया जा सकता है।

 

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आखरी अपडेट: 13th Dec 2024