तेलंगाना में बारिश की वजह से मची तबाही के बाद अब राहत-बचाव कार्य तेजी के साथ चल रहा है। राज्य में जारी बाढ़ की स्थिति के बीच केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बात की है और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ मौजूद
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “बाढ़ के कारण तेलंगाना के खम्मम और महबूबाबाद इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के सीएम से बात की और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें भेजी हैं।” उन्होंने कहा, “राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद, केंद्र सरकार के अधिकारी आकलन करने और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए पहुंचेंगे।” उन्होंने कहा कि प्रशासन राहत गतिविधियों पर केंद्रित है।
5 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता की घोषणा
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आज राज्य के खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, महबूबाबाद और सूर्यापेट जिलों को 5 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री रेड्डी ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनता को हुए नुकसान का तुरंत समाधान करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मवेशियों, बकरियों और भेड़ों के नुकसान के लिए मुआवजा बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, राज्य सरकार बाढ़ से हुए नुकसान पर एक व्यापक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।
मदद के लिए सरकारी कर्मचारी भी आए आगे
तेलंगाना में बारिश रुकने के साथ ही राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी कम हो गया है और राहत अभियान में तेजी आई है। बताया जा रहा है कि राज्य में हो रही तेज बारिश से 16 लोगों की मौत हो गई है और फसलों के जलमग्न होने के अलावा पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार द्वारा सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने का कार्य जारी है। बारिश थमने के बाद ज्यादातर लोग अपने घरों को लौट गए हैं। राज्य सरकार बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए किसानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की तत्काल राहत देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। वहीं राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के विवेकाधीन अनुदान से 30 लाख रुपये जारी कर दिये हैं और सरकारी कर्मचारियों ने बाढ़ राहत उपायों के लिए लगभग 130 करोड़ रुपये का अपना एक दिन का मूल वेतन दान किया है।