फर्जी नंबरों के जरिए फेक कॉल के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार सजग है। इसी क्रम में सरकार ने भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करके आने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
लोगों को आ रही इंटरनेशनल नंबरों से फेक कॉल
दरअसल, ऐसी कई रिपोर्ट की गई है कि जालसाज भारतीय नागरिकों को भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित कर अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल कर रहे हैं और साइबर अपराध तथा वित्तीय धोखाधड़ी कर रहे हैं। यह भी देखा गया है कि ये कॉल भारत के भीतर से की जा रही हैं, लेकिन ये कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) में हेरफेर करके विदेश से साइबर अपराधियों द्वारा की जा रही हैं। फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटालों, कूरियर में ड्रग्स,नशीले पदार्थों, सरकारी और पुलिस अधिकारियों के वेष में, दूरसंचार विभाग, ट्राई अधिकारियों द्वारा मोबाइल नंबरों को डिस्कनेक्ट करने आदि के हालिया मामलों में इस तरह की अंतरराष्ट्रीय जाली कॉलों का दुरुपयोग किया गया है।
ग्राहक तक फेक कॉल पहुंचने रोकने के लिए सिस्टम तैयार
इसलिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने ऐसी आने वाली अंतरराष्ट्रीय जाली कॉलों की पहचान करने और उन्हें किसी भी भारतीय दूरसंचार ग्राहक तक पहुंचने से रोकने के लिए एक सिस्टम तैयार की है। अब ऐसी आने वाली अंतरराष्ट्रीय जाली कॉल को ब्लॉक करने के लिए टीएसपी को निर्देश जारी किए गए हैं।
दूरसंचार विभाग ने उठाया कदम
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार भारतीय लैंडलाइन नंबरों के साथ आने वाली अंतरराष्ट्रीय जाली कॉलों को टीएसपी द्वारा पहले से ही ब्लॉक किया जा रहा है। चूंकि उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और हिफाजत डिजिटल इंडिया के विजन का एक अभिन्न अंग है, दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नागरिक केंद्रित संचार साथी पोर्टल (https://sancharsathi.gov.in/) सहित कई पहल पहले ही आरंभ कर दी हैं।
हालांकि तमाम प्रयासों के बावजूद, अब भी कुछ ऐसे जालसाज हो सकते हैं जो अन्य माध्यमों से सफल हो जाते हैं। ऐसी कॉलों के लिए, आप संचार साथी पर चक्षु सुविधा केन्द्र पर ऐसे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करके प्रत्येक व्यक्ति की सहायता कर सकते हैं।