देश की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत की सांस्कृतिक विविधता और आर्थिक प्रगति को दर्शाने वाली भव्य झांकियां प्रस्तुत की गईं। राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की इन झांकियों ने अपनी रचनात्मकता और संदेशों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर प्रस्तुत झांकी ने ‘लखपति दीदी’ पहल पर प्रकाश डाला जो महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है। झांकी में ‘लखपति दीदी’ की एक सुंदर मूर्ति को केंद्र में रखा गया था जो एक सफल महिला उद्यमी का प्रतीक थी। इसके चारों ओर महिलाएं बुनाई, कृषि और हस्तशिल्प जैसे कार्यों में व्यस्त नजर आईं। साथ ही, डिजिटल साक्षरता पर जोर देते हुए महिलाओं को कंप्यूटर का उपयोग करते हुए भी दिखाया गया। झांकी ने यह संदेश दिया कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं तो परिवार और समाज भी मजबूत होते हैं।
वहीं वित्त मंत्रालय की झांकी ने भारत में बैंकिंग सेवाओं के विकास की यात्रा को दर्शाया गया। झांकी की शुरुआत एक सुनहरे सिक्के से हुई जो देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रतीक था। रुपये का चिन्ह और UPI का उल्लेख भारत की वित्तीय प्रगति और तकनीकी नवाचारों को उजागर कर रहा था। एक महिला को एटीएम का उपयोग करते हुए दिखाकर यह बताया गया कि आधुनिक बैंकिंग सेवाओं ने सभी वर्गों के जीवन को सरल और समृद्ध बनाया है। झांकी में ‘पोटली’ को समृद्धि का प्रतीक दिखाया गया जबकि एलईडी स्क्रीन पर वित्तीय समावेशन और जागरूकता अभियानों की झलक दी गई।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की झांकी ने मौसम विभाग के 150 वर्षों की यात्रा को दिखाया। झांकी में चक्रवातों से बचाव और किसानों के लिए मौसम आधारित सलाहकार सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाया गया। इसमें चक्रवात डाना का उल्लेख और मोबाइल मौसम अलर्ट के जरिए किसानों की मदद को दिखाया गया। झांकी के पिछले हिस्से में मछुआरों, पायलटों और वैज्ञानिकों को प्रदर्शित किया गया जो मंत्रालय के कामकाज से प्रभावित होते हैं। मौसम उपकरणों ने दर्शकों को यह समझने में मदद की कि कैसे सटीक मौसम जानकारी लोगों की जान बचा सकती है और जीवन को बेहतर बना सकती है।
गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत इन झांकियों ने न केवल भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे समाज के हर वर्ग को देश की प्रगति में शामिल किया जा रहा है।