प्रतिक्रिया | Tuesday, April 29, 2025

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सेना के लिए भारत निर्मित एंटी टैंक हथियार प्लेटफॉर्म और हल्के वाहनों के लिए 2,500 करोड़ रुपये का अनुबंध

रक्षा मंत्रालय ने टैंक रोधी हथियार प्लेटफॉर्म के एनएएमआईएस ट्रैक्ड संस्करण और 5,000 हल्के वाहनों की खरीद के लिए 2,500 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

रक्षा मंत्रालय ने ट्रैक्ड संस्करण नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) की खरीद के लिए आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड से और लगभग 5,000 हल्के वाहनों को क्रय करने के उद्देश्य से फोर्स मोटर्स लिमिटेड तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। सशस्त्र बलों की सुविधा के लिए इस सौदे की कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है। खरीदारी (भारतीय-स्वदेशी रूप से परिकल्पित, विकसित और निर्मित) श्रेणी के तहत इन अनुबंधों पर 27 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

एनएएमआईएस (टीआर) हथियार प्रणाली
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला द्वारा विकसित एनएएमआईएस (टीआर) हथियार प्रणाली की खरीद के लिए अनुबंध की कुल लागत 1,801.34 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री की टैंक रोधी क्षमता के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो विभिन्न प्रकार की सैन्य गतिविधियों में भारतीय सेना की कार्य कुशलता को बढ़ाएगा।
एनएएमआईएस (टीआर) दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ सबसे परिष्कृत टैंक रोधी हथियार प्रणालियों में से एक है, जिसमें दागो और भूल जाओ टैंक रोधी मिसाइल व दृष्टि प्रणाली है, जिससे मारक क्षमता तथा घातकता में बढ़ोतरी होती है। यह हथियार प्रणाली मशीनीकृत सैन्य कार्रवाई के प्रबंधन में बदलाव लाने और शत्रु के विरुद्ध सैन्य गतिविधियों में लाभ प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।

हल्के वाहन
इन आधुनिक वाहनों को समकालीन वाहन प्रौद्योगिकी के अनुसार तैयार किया गया है, जिनमें 800 किलोग्राम तक का भार वहन करने की क्षमता रखने के लिए उन्नत शक्ति का इंजन है। यह सशस्त्र बलों को सभी प्रकार के भूभागों और परिचालन स्थितियों में आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा।

इन दोनों सौदों से स्वदेशीकरण और राष्ट्रीय रक्षा उपकरण विनिर्माण क्षमताओं में वृद्धि होगी। इन परियोजनाओं में घटकों व उपकरणों के विनिर्माण के माध्यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को प्रोत्साहन देते हुए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं निहित हैं। यह खरीद कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह सौदा कई मायनों में देश के रक्षा बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण तथा स्वदेशी उद्योगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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आखरी अपडेट: 29th Apr 2025