संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को भी दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। इसके कारण लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12:00 तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्पीकर ओम बिरला की शांति बनाने की अपील नाकाम
इस सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही 11.00 बजे शुरू होते ही विपक्ष के सांसदों ने बाबा साहेब आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को शांत रहने को कहा लेकिन हंगामा नहीं रुका। नतीजतन, उन्होंने हंगामा कर रहे सांसदों से कहा कि राष्ट्रगीत होने जा रहा है, इसलिए वह अपनी सीटों पर चले जाएं। उसके बाद सदन में राष्ट्रगीत हुआ और लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी दलों के सदस्यों ने आंबेडकर के मुद्दे पर किया हंगामा
उधर, राज्यसभा में पूर्वाह्न 11:00 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सभा पटल पर पत्रों को रखे जाने के बाद कहा कि 267 के नियम के तहत नोटिस आज भी मिले हैं। उन्होंने नेता सदन को बोलने के लिए कहा। इस पर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आंबेडकर के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया।
सांसदों को लोकतांत्रिक जिम्मेदारी समझने की जरूरत
इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि आप लोग जो कर रहे हैं, यह अच्छा नहीं है। हमारे लोकतंत्र को पूरी दुनिया देख रही है। हमें अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी को समझने की जरूरत है लेकिन विपक्ष ने उन्हें अनसुना करते हुए हंगामा जारी रखा। इसके बाद सभापति ने नेता सदन और नेता विपक्ष को अपने चेंबर में बातचीत के लिए बुलाया और सदन की कार्यवाही दोपहर 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।