प्रसिद्ध संत गुरु रविदास की जयंती आज बुधवार को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। संत रविदास ने समाज में समानता, एकता और प्रेम का संदेश दिया था। उनकी जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें नमन किया और समाज कल्याण के लिए उनके कार्यों व विचारों को याद किया ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संदेश में कहा कि संत रविदास ने हमेशा मानवता को सर्वोपरि माना और जाति-धर्म के भेदभाव को मिटाने का संदेश दिया। उन्होंने सभी देशवासियों से उनके विचारों को अपनाने की अपील की।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संत रविदास का अनमोल वचन साझा करते हुए लिखा, “ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न।। जेपी नड्डा ने कहा “कर्म को सर्वोपरि मानकर सभी के उत्थान हेतु समाज में समानता का मार्ग दिखाने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर उन्हें नमन। सामाजिक समरसता का संदेश देती उनकी शिक्षाएं आज भी एकता, सद्भावना व चरित्र निर्माण हेतु सर्वथा अनुकरणीय हैं।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनके प्रसिद्ध दोहे ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ साथ पोस्ट की शुरुआत की। उन्होंने लिखा “समाज से जात-पात एवं छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। समानता और समरसता पर आधारित उनके विचार सदैव सभी को प्रेरित करते रहेंगे।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संत रविदास जी की जयंती पर उन्हें याद किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! उनका जीवन दर्शन एवं उनके विचार हमें सत्य और परोपकार के मार्ग पर चलने तथा समरस समाज के निर्माण हेतु प्रतिबद्ध करते हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महान समाज सुधारक, संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की पावन जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी संत रविदास को याद किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं। सामाजिक सौहार्द, सद्भावना व आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण आपकी उत्कृष्ट रचनाओं और शिक्षाओं ने सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।-(Input From IANS)