राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश के धार जिले में सरकारी छात्रावास के अधीक्षक के निर्देश पर पानी की टंकी की सफाई करते समय अनुसूचित जनजाति के 2 छात्रों की करंट लगने से मौत संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने पाया कि यदि उस रिपोर्ट की तथ्य सामग्री सत्य है, तो इससे पीड़ित छात्रों के मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंता उत्पन्न होती है। मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह की अवधि में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
छात्रावास अधीक्षक ने उनसे कथित तौर पर पानी की टंकी साफ करने को कहा था
एक आधिकारिक बयान के अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 25 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश के धार जिले में सरकारी छात्रावास के अधीक्षक के निर्देश पर पानी की टंकी की सफाई करते समय अनुसूचित जनजाति के दो छात्रों की करंट लगने से मौत संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि 26 सितंबर, 2024 को प्रसारित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये छात्र टंकी की सफाई करते समय उसके भीतर पंप से जुड़े बिजली के तार के संपर्क में आ गए थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने उन्हें टैंक में पड़ा देखकर छात्रावास अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रावास अधिकारियों ने उन छात्रों को ऐसा खतरनाक कार्य करने के लिए कहकर बहुत ही असंवेदनशील रवैया अपनाया है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। आयोग ने पाया कि यदि उस रिपोर्ट की तथ्य सामग्री सत्य है, तो इससे पीड़ित छात्रों के मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंता उत्पन्न होती है।
NHRC ने 2 सप्ताह की अवधि में विस्तृत रिपोर्ट मांगी
मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह की अवधि में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में पुलिस जांच की प्रगति की स्थिति और दोनों छात्रों के परिवारों को दी गई मुआवजा राशि, यदि कोई हो, के बारे में भी जानकारी दिये जाने की उम्मीद है।